TMP: भारत सरकार ने सोमवार को वर्ष 2027 में होने वाली जनगणना की आधिकारिक घोषणा कर दी है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा-3 के तहत यह प्रक्रिया मार्च 2027 से शुरू होगी। इससे पहले वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना कोविड-19 महामारी के चलते स्थगित कर दी गई थी।
राजपत्र अधिसूचना में बताया गया है कि जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 निर्धारित की गई है। हालांकि, विशेष परिस्थितियों वाले क्षेत्रों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के हिमपात प्रभावित गैर-सामयिक क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए 1 अक्टूबर, 2026 को संदर्भ तिथि माना जाएगा।
15 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक में जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि जनगणना 2027 में पहली बार जातिगत आधार पर आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे, जो सामाजिक और आर्थिक नीतियों के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
जनगणना दो चरणों में की जाएगी—
पहले चरण में हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन के तहत आवास, संपत्ति और मूलभूत सुविधाओं की जानकारी ली जाएगी।
दूसरे चरण में जनसंख्या गणना होगी, जिसमें प्रत्येक नागरिक की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय जानकारी एकत्र की जाएगी।
इस बार की जनगणना पूरी तरह डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लगभग 34 लाख गणनाकर्मी और 1.3 लाख सुपरवाइज़र अत्याधुनिक मोबाइल ऐप्स का उपयोग करेंगे। नागरिकों के लिए स्वयं-गणना की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने सख्त साइबर सुरक्षा उपाय भी लागू करने की बात कही है। यह जनगणना न केवल देश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को नया दृष्टिकोण देगी, बल्कि नीति निर्धारण की दिशा को भी आकार देगी।