टनकपुर (चंपावत) – उत्तर भारत के प्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि मेले का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार माँ पूर्णागिरि धाम को एक भव्य आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पूर्णागिरि धाम को मिलेगा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर
मुख्यमंत्री ने पूर्णागिरि मेले को सालभर संचालित करने की योजना के तहत स्मार्ट कंट्रोल रूम और सीसीटीवी निगरानी तंत्र स्थापित करने का ऐलान किया। इसके अलावा, बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन का निर्माण होगा, जिससे मेला अधिकारी, पुलिस और चिकित्सा सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। साथ ही, लादीगाड़ में पूर्णागिरि पंपिंग पेयजल योजना और ठुलीगाड़-बाबलीगाड़ पंपिंग परियोजना को मंजूरी दी गई।
रोपवे से सुगम होगी माँ पूर्णागिरि यात्रा
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए माँ पूर्णागिरि धाम में रोपवे निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है, जिससे यात्रा आसान और सुरक्षित होगी। सरकार पूर्णागिरि धाम के आसपास के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़कर एक विशेष पर्यटन सर्किट विकसित कर रही है, जिससे क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
चंपावत को धार्मिक पर्यटन का हब बनाने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊँ के प्रमुख मंदिरों का सौंदर्यीकरण और उनके मार्गों का चौड़ीकरण करा रही है। चंपावत में 13 मल्टी-लेवल पार्किंग और टनकपुर में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से आईएसबीटी विकसित किया जा रहा है, जिससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।
चंपावत में शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा
सरकार चंपावत को शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में भी आगे बढ़ा रही है।
- 55 करोड़ रुपये की लागत से साइंस सेंटर का निर्माण हो रहा है।
- 16 करोड़ की लागत से नया पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन तैयार।
- 20 करोड़ से 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक और 15 करोड़ से आयुष अस्पताल का निर्माण जारी।
- 28 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड नर्सिंग संस्थान का भवन बनकर तैयार।
टनकपुर में राफ्टिंग और वेडिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा
टनकपुर में राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताओं से राफ्टिंग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश-विदेश से पर्यटक आकर्षित होंगे। श्यामलाताल झील के विकास के लिए 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, और इसे वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना भी तैयार है।
‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार धार्मिक और पर्यटन स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर रही है। आने वाले वर्षों में माँ पूर्णागिरि धाम श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक भव्य तीर्थ स्थल और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा।
माँ पूर्णागिरि मेला – उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा, स्वच्छता और सुरक्षा देना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने सभी से माँ पूर्णागिरि धाम के साथ चंपावत के अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का आग्रह किया और विश्वास जताया कि भविष्य में यह क्षेत्र पर्यटन और रोजगार के नए अवसरों का केंद्र बनेगा।