कैलाश मानसरोवर यात्रा को मिली हरी झंडी, पाँच साल बाद फिर खुले आस्था के द्वार – श्रद्धालुओं में खुशी की लहर

 

 

 

देहरादून: पांच वर्षों की प्रतीक्षा के बाद एक बार फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा की पवित्र राह श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रही है। कोविड महामारी और चीन सीमा पर तनाव के कारण 2020 से स्थगित इस यात्रा को अब 30 जून से दोबारा शुरू किया जा रहा है। इस ऐलान से देशभर के श्रद्धालुओं में गहरी खुशी और आस्था की ऊर्जा देखी जा रही है।

इस वर्ष 250 तीर्थयात्रियों को यात्रा की अनुमति दी गई है, जिन्हें 50-50 के पाँच दलों में भेजा जाएगा। यात्रा का आयोजन जून से अगस्त के बीच होगा, जिसमें यात्री कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के दर्शन करेंगे — जो हिंदू धर्म में शिवजी का निवास स्थल माने जाते हैं।

कुमाऊँ मंडल विकास निगम (KMVN) इस यात्रा का संचालन कर रहा है। निगम के महाप्रबंधक विजय नाथ शुक्ल के अनुसार यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। मार्ग में ठहराव, भोजन, चिकित्सा और आपातकालीन व्यवस्थाएं सुदृढ़ की गई हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने इस यात्रा को फिर से शुरू करने को एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक लाभ मिलेगा, बल्कि इससे धार्मिक पर्यटन और स्थानीय रोजगार को भी नई संजीवनी मिलेगी।

धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण यह यात्रा, भारतीय आस्था का प्रतीक मानी जाती है। यात्रा की पुनः शुरुआत से न केवल श्रद्धालुओं की वर्षों पुरानी आस पूरी होगी, बल्कि उत्तराखंड को भी वैश्विक धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर एक बार फिर प्रमुखता मिलेगी।

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