महिला सशक्तिकरण की नई उड़ान: मुख्यमंत्री धामी ने ‘महिला सारथी’ को दिखाई हरी झंडी, आत्मनिर्भरता का दिया संदेश

 

 

देहरादून : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आईआरडीटी ऑडिटोरियम में आयोजित विशेष कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया और ‘महिला सारथी’ (पायलट प्रोजेक्ट) के तहत महिला ड्राइवरों के पहले बैच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

महिला शक्ति को समर्पित सरकार की पहल

मुख्यमंत्री धामी ने महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि समाज और परिवार को भी आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए संकल्पबद्ध है और शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, विज्ञान, सेना, उद्यमिता जैसे हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।

समान नागरिक संहिता: महिलाओं के लिए ऐतिहासिक कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के विशेष प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है और इस तरह के संबंधों की निगरानी के लिए युवाओं की जानकारी उनके माता-पिता और प्रशासन के पास होनी चाहिए।

महिला उत्थान के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं के उत्थान के लिए चल रही योजनाओं का जिक्र किया:

1. 30 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते खोले गए।

2. 12 करोड़ शौचालय बनाकर स्वच्छता और सम्मान को बढ़ावा दिया गया।

3. लखपति दीदी योजना के तहत 1 करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा रहा है।

4. मुद्रा योजना के तहत 30 करोड़ महिलाओं को ऋण देकर उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया।

5. महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33% आरक्षण देने का ऐतिहासिक कानून पारित किया गया।

उत्तराखंड में महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार महिलाओं के विकास के लिए कई योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू कर रही है:

1. नंदा गौरा योजना: बालिका जन्म पर ₹11,000 और 12वीं उत्तीर्ण करने पर ₹51,000 की प्रोत्साहन राशि।

2. सशक्त बहना उत्सव योजना और महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना।

3. वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन 181 और महिला छात्रावास जैसी सुविधाओं का विस्तार।

4. सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30% क्षैतिज आरक्षण।

5. स्वयं सहायता समूहों को ₹5 लाख तक का बिना ब्याज ऋण।

6. ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के तहत महिला उद्यमियों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना।

मातृशक्ति के बिना विकसित भारत का सपना अधूरा

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण ही देश को विकसित भारत बनाने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने समाज से आह्वान किया कि महिलाओं को अधिक से अधिक अवसर दें और उनकी क्षमता का पूरा सम्मान करें।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने भी इस अवसर पर कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाएं खुद को कमजोर मानना छोड़ें और अपनी क्षमताओं को आगे लाएं। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार महिलाओं के लिए ऐतिहासिक फैसले ले रही है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर यह कार्यक्रम राज्य में महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य की नई उम्मीदें लेकर आया, जहां मातृशक्ति न केवल सशक्त हो रही है, बल्कि समाज और देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दे रही है।

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