देहरादून: उत्तराखंड के परंपरागत उत्पादों को देश-विदेश तक पहुंचाने वाला ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ अपनी शुरुआत के एक साल से भी कम समय में सफलता की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। शुद्ध शहद, आर्गेनिक मंडुआ, झंगोरा, पहाड़ी राजमा और हस्तनिर्मित ऊनी वस्त्रों जैसे विशुद्ध उत्तराखंडी उत्पादों ने 11 महीनों में ₹34.52 लाख की बिक्री दर्ज की है।
ग्रामीण आर्थिकी का नया अध्याय
ग्राम्य विकास विभाग के अधीन इस ब्रांड का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान किया था। इसके बाद, ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है। वर्तमान में ये उत्पाद अमेजन, ब्रांड की आधिकारिक वेबसाइट houseofhimalayas.com, और ऑफलाइन माध्यमों पर उपलब्ध हैं।
एक करोड़ वार्षिक बिक्री का लक्ष्य
ग्राम्य विकास सचिव राधिका झा ने बताया कि अगले तीन वर्षों में सालाना ₹1 करोड़ बिक्री का लक्ष्य तय किया गया है। योजना के तहत 5 लाख महिलाओं की वार्षिक आय ₹1 लाख के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल के माध्यम से किसानों और ग्रामीण महिलाओं की आय में 50-75% तक की वृद्धि का अनुमान है।
8 श्रेणियों में 35 उत्पाद
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के तहत 35 उत्पादों को आठ श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें शामिल हैं:
- कृषि उत्पाद: मंडुआ, झंगोरा, गहथ, राजमा, चौलाई।
- हस्तशिल्प: ऊनी वस्त्र और अन्य हैंडीक्राफ्ट।
- पर्सनल केयर और चाय।
ग्रामीण मेलों और सरकारी सहयोग से बढ़ी मांग
त्योहारों और स्थानीय मेलों में ब्रांड के उत्पादों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। सरकारी कार्यक्रमों और कार्यालयों में उपयोग के लिए भी इन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है। दिवाली पर पेश किए गए गिफ्ट पैक्स को बड़ी सफलता मिली।
मुख्यमंत्री का विजन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,“गांवों की आर्थिकी को मजबूत किए बिना राज्य का समग्र विकास संभव नहीं है। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ इस लक्ष्य को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहा है। उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पाद अब देश-विदेश तक अपनी पहचान बना रहे हैं।”
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ न केवल उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि बढ़ा रहा है, बल्कि राज्य के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने में भी सफल हो रहा है।