उत्तराखण्ड में गर्मी का रेड अलर्ट जारी, हिमालयी, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वनाग्नि व हिमस्खलन का खतरा भी बढ़ा

30 अप्रैल से सक्रिय हो सकता है पश्चिमी विक्षोभ

            सांकेतिक फोटो (गूगल)
हिमस्खलन -सांकेतिक फोटो (गूगल)

 

 

 

वनाग्नि – सांकेतिक फोटो (गूगल)

उत्तराखंड में मौसम शुष्क होने के कारण पारे में उछाल जारी है। जिससे प्रदेशभर में भीषण गर्मी महसूस की जा रही है। मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान की सीमा 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गई है।

मौसम विभाग द्वारा आने वाले तीन दिन प्रदेश में भीषण गर्मी और कंही कंही लू चलने को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। जिससे जंगलो मे आग लागने की घटनाओ के बढ़ने की आशंका है। इसके साथ ही गर्मी के कारण उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फ के तेजी से पिघलने के कारण हिमस्खलन का खतरा भी बड़ गया है। परंतु 30 अप्रैल के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं बारिश और ओलावृष्टि की संभावनाए बनती दिख रही हैं। मार्च के बाद अप्रैल भी लगभग बिना बारिश बीतने के कारण समूचा प्रदेश भीषण गर्मी से त्रस्त है। अप्रैल में तापमान बीते 13 वर्ष का रिकार्ड तोड़ चुका है और आल टाइम रिकार्ड की बराबरी करने को अग्रसर है।

बीते महीनो मे वर्षा न होने से वातावरण से नमी गायब है। ऐसे में जंगलों की आग के नए आयामो को छूने को आशंका बनी हुई हैं। और गर्मी के कारण जनजीवन प्रभावित है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने 29 अप्रैल तक प्रदेश में भीषण गर्मी और लू चलने को लेकर चेतावनी जारी की है। इस दौरान तापमान में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है। जबकि, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण 30 अप्रैल से पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश और ओलावृष्टि होने  होने की संभावना है।

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