देहरादून: भूस्खलन के कारण अवरुद्ध आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन ने युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाया। रविवार को खेला से 10 यात्रियों को हेलीकॉप्टर द्वारा धारचूला पहुंचाया गया, लेकिन इस बीच एक यात्री रवदेश नंदचहल की अस्वस्थता के चलते मृत्यु हो गई। तमिलनाडु के 30 यात्रियों को बूदी से सुरक्षित निकाल कर धारचूला के सेना हेलीपैड पर पहुंचाया गया।
आपको बता दें कि नारायण आश्रम में अब भी कुछ लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें सोमवार को रेस्क्यू करने की योजना है। भूस्खलन के बाद चैतलधार में भारी मलबा जमा हो गया है, जिसे हटाने के लिए बीआरओ की टीम रात-दिन काम कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान की व्यक्तिगत निगरानी की और यात्रियों की सुरक्षा के लिए तत्परता से काम करने के निर्देश दिए। सरकार की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में एनडीआरएफ, एसएसबी, पुलिस और सिविल एविएशन की टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 13 सितंबर को आदि कैलाश यात्रा मार्ग बंद हो गया था, जिसमें तमिलनाडु, पंजाब और दिल्ली से आए यात्री फंस गए थे।