एजेंसी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सौलर मिशन के पीछे केरल के चार पब्लिक सेक्टर कंपनी का बड़ा योगदान रहा है। जब आदित्य -L1 सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ तो इसरो के साइंटिस्ट के साथ-साथ केरल की यह चार कंपनी भी खुशी से झूम उठी।
आदित्य L1 मिशन में स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित विभिन्न उत्पादों का उपयोग किया गया है। इन सब के पीछे केल्ट्रोन, स्टील एंड इंडस्ट्रियल फोर्जिंग्स लिमिटेड (SIFL), त्रावणकोर कोचीन केमिकल्स (TCC) और केरल ऑटोमोबाइल्स लिमिटेड (KAL) कपंनी का बड़ा योगदान रहा है।
केरल पब्लिक सेक्टर द्वारा हासिल की गई इस उपलब्धि को लेकर राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव ने एक फेसबुक पोस्ट किया। मंत्री ने कहा कि केरल राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (केल्ट्रोन) द्वारा निर्मित 38 इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल का इस्तेमाल पीएसएलवी-सी57 लॉन्च वाहन में किया गया था। इसका इस्तेमाल आदित्य-एल1 सैटेलाइट को स्पेस में भेजने के लिए किया गया।
राजीव ने आगे बताया कि केल्ट्रॉन ने सौलर मिशन के लिए आवश्यक कई प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स मॉडलों के लिए टेस्टिंग सहायता प्रदान की। वहीं, SIFL ने लॉन्च वाहन के प्रोपेलर टैंक, इंजन और रॉकेट बॉडी के लिए कई अन्य फोर्जिंग को स्वदेश रूप में विकसित किया। केल्ट्रोन और एसआईएफएल के अलावा, टीसीसी ने भी सौलर मिशन में अहम भूमिका निभाई।
चंद्रयान-3 मिशन में भी निभाई भूमिका
राज्य के स्वामित्व वाली रासायनिक कंपनी ने परियोजना के लिए आवश्यक 150 मीट्रिक टन सोडियम क्लोरेट क्रिस्टल की आपूर्ति की। रॉकेट सैटेलाइट सेपेरेशन सिस्टम की स्पलाई केएएल KAL द्वारा की गई थी। बता दें कि केवल आदित्य-एल1 ही नहीं, बल्कि चंद्रयान-3 मिशन में भी केरल पब्लिक सेक्टर ने अहम योगदान दिया है।
केरल की छह पब्लिक सेक्टर की कंपनियों और 20 प्राइवेट कंपनियों ने चंद्रयान-3 मिशन में भाग लिया था। केल्ट्रोन, केएमएमएल, एसआईएफएल, टीसीसी, केएएल और लघु उद्योग विकास निगम (सिडको) – ने चंद्र मिशन में योगदान दिया था।
देश में टाइटेनियम का एकमात्र आपूर्तिकर्ता KMML
देश के तीसरे चंद्र मिशन के इंजन भागों के लिए केरल मिनरल्स एंड मेटल्स लिमिटेड (KMML) ने महत्वपूर्ण टाइटेनियम स्पंज धातु की आपूर्ति कराई थी। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन केएमएमएल देश में टाइटेनियम का एकमात्र आपूर्तिकर्ता है।
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