एएनआई। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने बुधवार को कहा कि निहत्थे इजरायली नागरिकों की कायरतापूर्ण हत्या, दुर्व्यवहार और अपहरण के बाद हमास आतंकी अब इजरायली रक्षाबलों (आईडीएफ) का सामना करने से डर रहे हैं। हालत ये है कि वे हमें कार्रवाई करने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने से कोई नहीं रोक पाएगा कि ये हत्यारे भविष्य में ऐसा नहीं कर पाएंगे।
‘हमारे बच्चों को मारने की कोशिश की’
गिलोन ने कहा कि अल अहली अस्पताल पर फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद के रॉकेट से हमला किया गया। उन्होंने हमारे बच्चों को मारने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में अपने बच्चों को मार डाला। गाजा में हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि इजरायली सेना ने गाजा के एक अस्पताल पर हमला किया है, जिसमें 500 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, इजरायली सेना का कहना है कि ये ब्लास्ट हमास के रॉकेट के कारण ही हुआ। उसका रॉकेट खराब होकर गाजा के अस्पताल पर ही गिर गया।
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हमास का सहयोग अफसोस की बात
गिलोन ने कहा कि यह वास्तव में अफसोस की बात है कि दुनियाभर में कई लोग हमास का सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फलस्तीनी आतंकी और उनके सहयोगी तुरंत विक्टिम कार्ड निकाल लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी तकनीकी दुनिया में बेहद उन्नत है। हमारे पास स्पष्ट सुबूत हैं कि यह एक फलस्तीनी इस्लामिक जिहादी रॉकेट था।
ईरान पर हमास हमले की साजिश रचने का आरोप
उधर, भारत में इजरायल के मिशन के उप प्रमुख ओहद नकाश कयनार ने बुधवार को ईरान पर यहूदी राष्ट्र पर हमास हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने भारत में ईरानी दूत इराज इलाही के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ईरान यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रहा है कि इजरायल और यहूदी मर जाएं। उन्होंने कहा कि हमले के पीछे ईरान का स्पष्ट हाथ है। इसमें कोई शक नहीं है। उधर हमास के हमले में अपने देश की किसी भी भूमिका को नकारते हुए ईरानी दूत इराज इलाही ने कहा कि हमास एक स्वतंत्र समूह है और उसमें घटनाओं को अंजाम देने की क्षमता है।
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