उत्तराखंड के स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता, लोककला और नैतिक शिक्षा होगी पाठ्यक्रम का हिस्सा, हर जिले में बनेगा आवासीय हॉस्टल

 

 

 



देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधारों और नवाचार की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य के स्कूलों को अब संस्कार, संस्कृति और गुणवत्ता शिक्षा का केंद्र बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर बदलने वाले हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता और नैतिक शिक्षा होगी पाठ्यक्रम में शामिल

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छात्रों को श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन कराया जाए ताकि उनमें जीवन मूल्यों, नैतिकता और धर्म के प्रति समझ विकसित हो सके। इसके साथ ही नैतिक शिक्षा, पर्यावरणीय शिक्षा, उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, लोककथाएं, संगीत, कला और स्वास्थ्य शिक्षा को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।

हर जिले में बनेगा एक आवासीय हॉस्टल

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण में हर जनपद में एक-एक आवासीय हॉस्टल का निर्माण किया जाए और अन्य राज्यों की बैस्ट प्रैक्टिस के आधार पर सुविधाएं विकसित की जाएं। 559 कलस्टर विद्यालयों के 15 किमी दायरे में आने वाले छात्रों के लिए विशेष परिवहन योजना भी तैयार करने के निर्देश दिए गए।

शिक्षा में पारदर्शिता और समयबद्ध व्यवस्था

उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को समय पर पाठ्यपुस्तकें मिलें, इसके लिए सख्त मॉनिटरिंग की जाए। स्थानांतरण प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए जनपद, मंडल और राज्य स्तर पर कैडर प्रणाली का अध्ययन कर नया प्रस्ताव तैयार किया जाए।

बुनियादी ढांचे में सुधार और सुरक्षा को प्राथमिकता

बरसात से पहले सभी स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। स्कूल के रास्ते, पुल, भवनों की स्थिति और अन्य मूलभूत सुविधाओं की समीक्षा होगी। जीर्ण-शीर्ण स्कूलों की मरम्मत में तेजी लाने और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए। लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी।

एनसीसी-एनएसएस को मिलेगा बढ़ावा, CSR से मिलेगा सहयोग

मुख्यमंत्री ने एनसीसी और एनएसएस को चरणबद्ध तरीके से सभी स्कूलों में शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही, राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों से CSR फंड के तहत सहयोग मांगा जाएगा ताकि शिक्षा को और मजबूत किया जा सके।

रजतोत्सव कैलेंडर और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग से दिसंबर 2026 तक का रजतोत्सव कैलेंडर तैयार करने को कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सभी बिंदुओं पर तीव्रता से काम हो, जिससे छात्रों को सर्वांगीण शिक्षा प्राप्त हो सके। इस महत्वपूर्ण बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत समेत विभागीय सचिव, निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

(Visited 368 times, 1 visits today)