पेशावर कांड की गूंज फिर सुनाई दी पीठसैंण में, मुख्यमंत्री ने वीरता और बलिदान को किया नमन

 

 

 

थलीसैंण/पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के वीरों की धरती ने एक बार फिर इतिहास को सलाम किया। विकासखंड थलीसैंण के पीठसैंण में आयोजित राजकीय क्रांति दिवस मेले में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति को नमन किया। पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “उनके साहस, नैतिकता और देशभक्ति के कारण ही आज हम स्वतंत्र हैं।”

मुख्यमंत्री ने वीर गढ़वाली की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर पहलगाम आतंकी हमले के शिकार निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि “देश इस नृशंस घटना का माकूल जवाब देगा।”

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली: मानवता का प्रतीक

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेशावर में निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से इनकार कर वीर गढ़वाली ने “कानून से ऊपर मानवता और आत्मबल का जो उदाहरण पेश किया, वह इतिहास में अमर है।” उन्होंने यह भी ऐलान किया कि “युवाओं को वीर गढ़वाली के जीवन से जोड़ने के लिए राज्य सरकार लगातार कार्यक्रम चला रही है।”

वीर सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए बड़ी घोषणाएं

मुख्यमंत्री ने बताया कि

  • शहीद सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है।

  • शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जा रही है।

  • स्वतंत्रता सेनानी और उनकी विधवाओं की पेंशन को 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया है।

उन्होंने बताया कि देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण कर शहीदों की स्मृति को सम्मानित किया गया है।

समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।

शिक्षा और युवा विकास की भी हुई घोषणाएं

राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा,

“वीर गढ़वाली की जीवनी को विद्यालय पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।”

उन्होंने थलीसैंण में एक भव्य ऑडिटोरियम और बूंगीधार में खेल का मैदान बनाए जाने की घोषणा भी की।

100 गरीब-अनाथ बच्चों के लिए छात्रावास निर्माण की जानकारी देकर उन्होंने जनता का दिल जीत लिया।

सम्मान, प्रेरणा और जनभागीदारी का संगम

मेले में 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों, उद्यमियों और पूर्व सैनिकों को भी मंच पर सराहा गया।

सरकारी विभागों ने अपने जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने वाले स्टॉल लगाए, जिससे लोगों को योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ जानने का अवसर मिला।

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