देहरादून: दून विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्यूनिकेशन स्टडीज द्वारा आयोजित दो दिवसीय मीडिया फेस्ट ‘Fervour 3.0’ का आज भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए मीडिया की सामयिकता और सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझने की आवश्यकता पर बल दिया।
फेस्ट में मुख्य वक्ता रहे वरिष्ठ पत्रकार व उत्तराखंड सूचना आयुक्त श्री योगेश भट्ट ने कहा, “मीडिया एथिक्स का दायरा अब केवल पत्रकारिता तक सीमित नहीं रह गया है। हमें नए मीडिया माध्यमों को भी शामिल कर ईमानदार संवाद की दिशा में काम करना होगा।” उन्होंने RTI को लोकतंत्र का सशक्त हथियार बताते हुए युवाओं को सजग रहने की सीख दी।
दूरदर्शन के सहायक निदेशक श्री अनिल भारती ने मीडिया कन्वर्जन पर चिंता व्यक्त की और इसे पारंपरिक माध्यमों के लिए चुनौती बताया। उन्होंने मीडिया में उभरते करियर विकल्पों जैसे कंटेंट क्रिएशन, सोशल मीडिया मैनेजमेंट और वीडियो एडिटिंग पर प्रकाश डालते हुए मीडिया संस्थानों के सही चयन पर ज़ोर दिया। साथ ही मीडिया में महिलाओं की समान भागीदारी और दायित्व के साथ जवाबदेही की बात कही।
बारामासा डिजिटल मीडिया के संस्थापक राहुल कोठियाल ने मीडिया साक्षरता (Media Literacy) पर बात करते हुए कहा कि मीडिया छात्रों को आम व्यक्ति से अलग दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने डिजिटल दौर में विवेकशील सोच और आलोचनात्मक समझ को समय की जरूरत बताया।
ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर अविजित जमलोकी ‘केदारवासी’ ने स्टोरी टेलिंग को करियर का मज़बूत विकल्प बताते हुए युवाओं को अपनी छिपी प्रतिभाओं को पहचानने और कंटेंट निर्माण के मूलभूत तत्वों को समझने की सलाह दी। उन्होंने सोशल मीडिया के दुरुपयोग से सतर्क रहने का भी संदेश दिया।
कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार सहित डॉ. हर्ष डोभाल, डॉ. राशि मिश्रा, डॉ. करूणा शर्मा, जूही प्रसाद, आबशार अब्बासी, डॉ. वंदना और पियषी हिमानी सहित अनेक शिक्षक व छात्र मौजूद रहे।
Fervour 3.0 न केवल एक फेस्टिवल, बल्कि मीडिया की जिम्मेदार, जागरूक और सृजनशील पीढ़ी की ओर एक कदम है।