अनफोल्डिंग फोरेंसिक” के साथ अपराध न्याय प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत: अमित शाह ने किया फोरेंसिक समिट का उद्घाटन

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TMP: नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अखिल भारतीय फोरेंसिक विज्ञान शिखर सम्मेलन 2025 (AIFSS) का भव्य शुभारंभ किया। “नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन और आतंकवाद से निपटने में फोरेंसिक विज्ञान की भूमिका” विषय पर आधारित इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश और विदेश के फोरेंसिक विशेषज्ञों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों और छात्रों ने भाग लिया।

इस अवसर पर अमित शाह ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) द्वारा तैयार “Unfolding Forensics” नामक न्यायिक प्राइमर और शिखर सम्मेलन की कार्यवाही पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने फोरेंसिक हैकाथॉन और इंटर-कैंपस हिंदी प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया।

न्याय में संतुलन के लिए फोरेंसिक विज्ञान अनिवार्य: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा,

“देश की न्याय व्यवस्था में न तो आरोपी के साथ अन्याय हो और न ही शिकायतकर्ता के साथ—यह सुनिश्चित करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान को आपराधिक प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनाना जरूरी है।”

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानून लागू हुए हैं और वर्ष 2020 में ही राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना कर दी गई थी, जिससे भारत वैज्ञानिक अपराध जांच प्रणाली की दिशा में अग्रसर हुआ है।

आधुनिक टेक्नोलॉजी और नवाचार का केंद्र बन रहा है NFSU

अमित शाह ने बताया कि NFSU अब न केवल जटिल अपराधों की जांच का भरोसेमंद संस्थान बन चुका है, बल्कि यह देशभर की फोरेंसिक लैब्स को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने का हब बन चुका है। विश्वविद्यालय डिग्री, डिप्लोमा, पीएचडी जैसे पाठ्यक्रमों के साथ ही पुलिस बलों के लिए विशेष टूलकिट भी विकसित कर रहा है।

वैज्ञानिक समाधान से अपराध-मुक्त भारत का लक्ष्य

गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार का उद्देश्य वैज्ञानिक समाधानों के जरिए अपराध मुक्त समाज की स्थापना है। उन्होंने गृह मंत्रालय और फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के सहयोग को और भी मजबूत करने का आह्वान किया।

पद्मश्री डॉ. जे.एम. व्यास ने बताया NFSU का विजन

NFSU के कुलपति डॉ. जे.एम. व्यास ने बताया कि विश्वविद्यालय वर्तमान में 72 शैक्षणिक पाठ्यक्रम चला रहा है और वैश्विक स्तर पर 50,000 से अधिक अधिकारियों को फोरेंसिक विज्ञान का प्रशिक्षण दे चुका है। उन्होंने कहा कि NFSU 10 से 19 परिसरों तक विस्तार करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।

सम्मेलन में हुई शीर्ष हस्तियों की भागीदारी

सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमण, एनएचआरसी अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन समेत कई विशिष्टजन उपस्थित रहे।

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