उत्तराखंड में गर्मी से मिलेगी राहत, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के असर से कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी

 

 

देहरादून : गर्मी से झुलस रहे उत्तराखंडवासियों के लिए राहत भरी खबर है। पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) के सक्रिय होने से राज्य का मौसम एक बार फिर करवट लेने को तैयार है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, 8 अप्रैल से उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। कुछ स्थानों पर तेज आंधी और ओलावृष्टि के भी आसार हैं।

कहां-कहां बदलेगा मौसम का मिजाज?

मौसम विभाग ने टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, नैनीताल, चंपावत, पौड़ी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर समेत देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर के अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी जारी की है। इन इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी संभावना जताई गई है।

10 और 11 अप्रैल को विशेष सतर्कता जरूरी

मौसम विभाग ने 10 और 11 अप्रैल को हेल लाइटिंग (बिजली गिरने), तेज हवाओं और वर्षा की संभावनाएं जताई हैं। कुछ क्षेत्रों में हवा की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जिससे आंधी और ओलावृष्टि का खतरा भी बना रहेगा।

मैदानी जिलों में बारिश के साथ ओले पड़ने की आशंका

देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे मैदानी जिलों में भी बारिश के साथ ओलावृष्टि की आशंका है। मौसम में इस बदलाव से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी, वहीं कृषि और फसलों पर भी इसका असर पड़ सकता है। ऐसे में किसानों और आम लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

क्या है पश्चिमी विक्षोभ का असर?

पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्रों में मौसम परिवर्तन का एक प्रमुख कारण होता है। इसके प्रभाव से न केवल तापमान में गिरावट आती है, बल्कि तेज हवाओं, बारिश और कभी-कभी ओलावृष्टि जैसे हालात भी बनते हैं।



आगामी कुछ दिन उत्तराखंड में मौसम के लिहाज से अहम रहने वाले हैं। लोगों को अत्यधिक गर्मी से तो राहत मिलेगी, लेकिन बदलते मौसम के चलते यात्रियों, किसानों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रशासन द्वारा भी मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए ज़रूरी तैयारियां करने के निर्देश दिए जा सकते हैं।

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