देहरादून: उत्तराखंड की सियासत में भूचाल तब आ गया जब वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विवादों के बाद भावुक होते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने तमाम मुद्दों पर अपनी सफाई दी और अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया।
प्रेमचंद अग्रवाल की बड़ी बातें:
🔹 “मैं राज्य आंदोलकारी रहा हूं” – अपनी संघर्ष यात्रा को याद कर उन्होंने कहा कि उन्हें अपने योगदान का सबूत देना पड़ रहा है।
🔹 “मुझे टारगेट किया जा रहा है” – उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उनकी छवि खराब करने की कोशिश हो रही है।
🔹 “बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया” – उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया।
🔹 “हमेशा राज्य के विकास के लिए काम किया” – उन्होंने सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों को गिनाया।
🔹 “विवादों से आहत हूं” – उन्होंने पहाड़ बनाम मैदान विवाद को लेकर सफाई दी और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रचारित किया गया।
कैसे भड़का विवाद?
कुछ दिनों पहले विधानसभा सत्र के दौरान प्रेमचंद अग्रवाल के बयान ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी थी। उनके विवादित बयान के बाद विपक्ष ने धामी सरकार को घेरना शुरू कर दिया, जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए और प्रदेशभर में राजनीतिक तापमान चढ़ गया। स्थिति बिगड़ती देख उन्होंने अपने बयान पर खेद भी जताया, लेकिन विपक्ष हमलावर बना रहा।
बीजेपी बैकफुट पर, विपक्ष ने साधा निशाना
इस पूरे विवाद के चलते बीजेपी को बैकफुट पर आना पड़ा, जबकि विपक्ष ने इसे जनता के मुद्दों से जोड़ते हुए सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा। आखिरकार बढ़ते दबाव और विरोध के बीच प्रेमचंद अग्रवाल ने भावुक होते हुए इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।
अब सवाल उठता है कि क्या यह इस्तीफा विवादों का पटाक्षेप करेगा, या फिर उत्तराखंड की राजनीति में एक नए मोड़ की शुरुआत करेगा?