पौड़ी बस हादसे के बाद फूटा गुस्सा, गणेश गोदियाल ने कहा- ‘रेफर सेंटर बन गए हैं पहाड़ी अस्पताल!’

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देहरादून: सत्यखाल मार्ग पर रविवार को हुए बस हादसे के बाद पौड़ी जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं ने एक बार फिर से सरकार और स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। घायलों का टॉर्च की रोशनी में इलाज होते देख कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

अस्पताल की दुर्दशा पर सवाल
गणेश गोदियाल ने कहा कि बस हादसे से ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि पौड़ी जिला अस्पताल में घायलों को प्राथमिक उपचार तक ठीक से नहीं मिल पाया। इंजेक्शन लगाने से लेकर टांके लगाने तक के लिए बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं थीं। उन्होंने इसे स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था का नतीजा बताते हुए मुख्यमंत्री से तत्काल समीक्षा बैठक करने की मांग की।

रेफर सेंटर बन चुके हैं पहाड़ी अस्पताल
गणेश गोदियाल ने कहा, “पर्वतीय जिलों के अस्पताल अब सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं। प्राथमिक उपचार की व्यवस्था का अभाव न केवल घायलों के लिए खतरनाक है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की पोल खोलता है।” उन्होंने सरकार से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की अपील की है।

स्वास्थ्य महकमे की व्यापक समीक्षा की मांग
गोदियाल ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की इस बदहाल स्थिति पर न केवल सरकार बल्कि आम जनता को भी चिंतित होना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं, तो फिर आम जनता का क्या होगा?”

सरकार पर तंज
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि स्वास्थ्य विभाग की व्यापक समीक्षा बैठक तुरंत आयोजित की जाए। उनका कहना है कि अगर सरकारी अस्पतालों की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में स्थिति और भी भयावह हो सकती है।

पौड़ी हादसा बना स्वास्थ्य विभाग की हकीकत का आईना
यह हादसा केवल सड़क दुर्घटना तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की खामियों को भी उजागर करता है। सवाल यह है कि क्या सरकार अब इस चुनौती को स्वीकार कर पहाड़ी अस्पतालों को नई दिशा देगी या यह मुद्दा भी बाकी वादों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

 

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