श्रीनगर गढ़वाल: नगर निगम चुनाव में मेयर पद पर महिला महासंग्राम, भाजपा-कांग्रेस में कड़ी टक्कर

 

 

श्रीनगर गढ़वाल : उत्तराखंड के नगर निकाय चुनावों में इस बार श्रीनगर गढ़वाल में मेयर पद पर मुकाबला बेहद रोमांचक होता नजर आ रहा है। आज नामांकन के आखिरी दिन शहर में सियासी हलचल चरम पर रही। भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने-अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल किया। महिलाओं के बीच इस बार मेयर पद के लिए महासंग्राम देखने को मिल रहा है, जहां भाजपा, कांग्रेस और दो निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं।

भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने, निर्दलीय भी मैदान में

भाजपा ने मेयर पद के लिए आशा उपाध्याय को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने मीना रावत को टिकट देकर मैदान में उतारा है। निर्दलीय के तौर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष की पत्नी आरती भंडारी भी मुकाबले में हैं। इनके अलावा, यूकेडी से सामाजिक कार्यकर्ता सरस्वती देवी भी चुनावी मैदान में हैं।

नामांकन प्रक्रिया के दौरान भाजपा प्रत्याशी आशा उपाध्याय के साथ कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत मौजूद रहे। दूसरी ओर, कांग्रेस प्रत्याशी मीना रावत का समर्थन करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत, गणेश गोदियाल, और मंत्री प्रसाद नैथानी मौजूद थे।

महिला उम्मीदवारों के बीच कड़ी चुनौती

इस बार के चुनाव में महिला उम्मीदवारों के बीच जबरदस्त मुकाबला है। भाजपा और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों की उपस्थिति ने मुकाबले को और रोचक बना दिया है।

  • आशा उपाध्याय: भाजपा की प्रत्याशी और सत्तारूढ़ पार्टी की उम्मीदवारी पर भरोसा।
  • मीना रावत: कांग्रेस की ओर से मैदान में उतरीं और अपने समर्थकों के बीच लोकप्रिय।
  • पूनम तिवाड़ी: पूर्व में कांग्रेस से पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुकीं, अब निर्दलीय के रूप में मैदान में।
  • आरती भंडारी: भाजपा के जिला उपाध्यक्ष की पत्नी, लेकिन निर्दलीय के रूप में भाजपा को कड़ी चुनौती दे रहीं।

भाजपा और कांग्रेस को खतरा निर्दलीयों से

भाजपा और कांग्रेस को इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों से कड़ी चुनौती मिल रही है। आरती भंडारी के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भाजपा का वोट बैंक प्रभावित हो सकता है। वहीं, पूनम तिवाड़ी कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगा सकती हैं।

पार्षदों की दौड़ भी दिलचस्प

श्रीनगर नगर निगम के 40 वार्डों के लिए पार्षद पद के उम्मीदवारों ने भी आज नामांकन दाखिल किया। पार्षद पद के लिए भी भाजपा, कांग्रेस, निर्दलीय और अन्य दलों के बीच कड़ा मुकाबला है।

भाजपा और कांग्रेस का दावा

नामांकन के बाद दोनों दलों ने चुनावी सभाएं आयोजित कीं।

  • धन सिंह रावत (भाजपा): “भाजपा एक कैडर आधारित पार्टी है। हमारी प्रत्याशी की जीत निश्चित है।”
  • हरक सिंह रावत (कांग्रेस): “श्रीनगर की जनता कांग्रेस के विकास कार्यों पर भरोसा करती है। इस बार हमारी जीत तय है।”

महिला नेतृत्व और मजबूत सियासी संघर्ष

श्रीनगर गढ़वाल में मेयर पद पर महिलाओं का नेतृत्व इस बार के चुनाव को खास बना रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशियों की उपस्थिति ने दोनों दलों के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। अब देखना यह होगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है।

नतीजों पर सबकी नजरें
नगर निगम श्रीनगर के इस चुनाव में न केवल स्थानीय जनता, बल्कि प्रदेश की राजनीति के दिग्गजों की भी नजरें टिकी हुई हैं। महिलाओं के नेतृत्व वाले इस महासंग्राम में कौन बाजी मारेगा, यह आने वाले दिनों में तय होगा।

 
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