भुवनेश्वर में DGP सम्मेलन: बम की फर्जी धमकियों और साइबर अपराधों पर होगा मंथन

 

TMP: आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भारत की रणनीति को मजबूत करने के लिए 29 नवंबर से 1 दिसंबर तक भुवनेश्वर में पुलिस महानिदेशकों (DGP) का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत राज्यों और केंद्रीय बलों के सभी प्रमुख अधिकारी हिस्सा लेंगे। खुफिया ब्यूरो (IB) द्वारा आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में देश की आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा होगी।

बम की फर्जी धमकियों पर विशेष फोकस

इस बार सम्मेलन में हवाई जहाजों और होटलों में बम की फर्जी धमकियों को आंतरिक सुरक्षा की नई चुनौती के रूप में प्राथमिकता दी गई है।

  • हाल ही में एक दिन में दर्जनों विमानों और होटलों को बम की झूठी धमकी का सामना करना पड़ा।
  • सुरक्षा एजेंसियां इसे भारत के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाने की साजिश मान रही हैं।
  • एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बम की अफवाहों के चलते विमान कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। हर घटना में औसतन तीन करोड़ रुपये का नुकसान होता है।

कड़े कानून की जरूरत

बम की फर्जी धमकी देना फिलहाल एक संज्ञेय अपराध नहीं है, जिससे आरोपी को तुरंत जमानत मिल जाती है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इसे गंभीर अपराध घोषित करने और कठोर सजा के लिए कानून में संशोधन की आवश्यकता जताई है। सम्मेलन में इस पर विस्तार से चर्चा होगी और संभावित कानूनी उपायों पर मंथन होगा।

आपराधिक गिरोह और साइबर अपराध पर चर्चा

इसके अलावा, सम्मेलन में निम्नलिखित मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होगा:

  1. संगठित आपराधिक गिरोहों की गतिविधियां

    • विदेशी धरती से संचालित आपराधिक गिरोहों का भारत में बढ़ता प्रभाव।
    • ड्रग्स तस्करों और आतंकी संगठनों के साथ उनकी सांठगांठ को तोड़ने की रणनीति।
  2. साइबर अपराध और ऑनलाइन ठगी

    • कंबोडिया, लाओस, और म्यांमार जैसे देशों से संचालित साइबर ठगी नेटवर्क पर विशेष ध्यान।
    • गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) द्वारा विस्तृत प्रजेंटेशन।
    • डिजिटल युग में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए तकनीकी और कानूनी उपाय।

पिछले फैसलों की समीक्षा

इस बैठक में पहले के सम्मेलनों में लिए गए फैसलों के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की जाएगी। इन फैसलों की प्रभावशीलता को परखने और आगे की रणनीति तय करने के लिए पुलिस महानिदेशकों द्वारा रिपोर्ट पेश की जाएगी।

भविष्य की रणनीति तय होगी

यह वार्षिक सम्मेलन भारत की आंतरिक सुरक्षा को नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। बम की फर्जी धमकियों, संगठित अपराध, और साइबर अपराधों जैसी नई चुनौतियों से निपटने के लिए इस बार कड़े कदम उठाने की उम्मीद है।

 

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