नई दिल्ली : ड्रोन के बढ़ते खतरे के बीच भारतीय सेना ने अब स्वदेशी एंटी ड्रोन गन प्राप्त की है, जो कि देशी स्टार्टअप द्वारा विकसित की गई है। यह गन चार महीने पहले सेना की एक यूनिट को सप्लाई की गई थी और जल्द ही अधिक रेंज वाली एंटी ड्रोन गन की डिलीवरी भी शुरू होगी।
एंटी ड्रोन गन और डिटेक्टर: सुरक्षा का नया मोर्चा
स्वदेशी स्टार्टअप बिग बैंग बूम सॉल्यूशंस ने भारतीय सेना को अत्याधुनिक एंटी ड्रोन गन और डिटेक्टर की जोड़ी उपलब्ध कराई है। इस प्रणाली में एंटी ड्रोन गन के साथ एक 360 डिग्री डिटेक्टर शामिल है, जो चार किलोमीटर के दायरे में किसी भी ड्रोन का पता लगा सकता है। डिटेक्टर को टैबलेट से जोड़ा जाता है, और ड्रोन के दायरे में आते ही अलार्म बज उठता है।
ग्लोबल दृष्टिकोण और भारत की तैयारी
दुनिया भर में ड्रोन के बढ़ते उपयोग के कारण, चाहे रूस-यूक्रेन संघर्ष हो या इस्राइल-हमास का विवाद, एंटी ड्रोन सिस्टम की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारतीय सेना और एयरफोर्स ने इस स्वदेशी तकनीक के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं, और इसकी डिलीवरी नवंबर से शुरू हो जाएगी।
स्वदेशी समाधान की महत्वता
गौरव शर्मा, बिग बैंग बूम सॉल्यूशंस के वाइस प्रेजिडेंट ने बताया कि इस प्रणाली की मदद से सेना को ड्रोन के खतरों से बेहतर तरीके से निपटने में सहायता मिलेगी। एंटी ड्रोन गन और डिटेक्टर की इस नई जोड़ी के साथ, भारतीय सेना की सुरक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण सुधार होगा, जो देश की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाएगा।
आखिर ये चलेगा कैसे ?
डिटेक्टर एक पैसिव सिस्टम है, जिसे लगातार चालू रखा जा सकता है। ड्रोन की डायरेक्शन पता चलते ही एंटी ड्रोन गन को उस दिशा में लक्षित किया जाता है और बटन दबाया जाता है। गन से निकलने वाली 45 डिग्री की बीम ड्रोन को जाल की तरह घेर लेती है, जिससे ड्रोन के पास कोई सिग्नल नहीं रह जाता और वह जाम हो जाता है। गन की बैटरी मोबाइल की तरह चार्ज की जा सकती है और पूरी चार्ज बैटरी 8 घंटे तक चलती है। इसे सीधे पावर पॉइंट से कनेक्ट कर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
फॉरवर्ड पोस्ट के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई
इस गन को विशेष रूप से पैदल सैनिकों के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि इसे फॉरवर्ड पोस्ट तक ले जाया जा सके। गन का वजन 4 किलो और डिटेक्टर का वजन 9 किलो है, और गन की रेंज 2 किलोमीटर है।
स्वदेशी इनोवेशन को प्रोत्साहन
स्वदेशी कंपनियों को सेना की जरूरतों के हिसाब से प्रोटोटाइप बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय iDEX प्रोग्राम के तहत फंड प्रदान करता है। यह प्रोग्राम स्टार्टअप्स को उनके इनोवेटिव समाधानों को विकसित करने और सेना के लिए उपलब्ध कराने में मदद करता है।
सेना की तैयारी
इन स्वदेशी एंटी ड्रोन प्रणालियों के साथ, भारतीय सेना ड्रोन के खतरे से निपटने में और भी सक्षम हो जाएगी, और बॉर्डर एरिया में एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।