उत्तराखंड में बढ़ते अपराध पर डीजीपी की चेतावनी: “अपराधियों को मिलेगा गोली से जवाब”

 

देहरादून: उत्तराखंड में हाल ही में बढ़ते अपराध के मामलों पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को वेरिफिकेशन ड्राइव चलाने का आदेश दिया है, जिसके तहत बाजारों में काम करने वाले दुकानदारों, फड़ रेहड़ी वालों और कूड़ा बीनने वाले लोगों का सत्यापन किया जा रहा है। सत्यापन नहीं होने की स्थिति में उन्हें थाने और चौकियों में ले जाकर सत्यापन किया जा रहा है।

डीजीपी की कड़ी चेतावनी:
उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने राज्य में शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में कानून व्यवस्था को लेकर मीडिया और सिविल सोसाइटी ने चिंता व्यक्त की थी। मुख्यमंत्री, जो कि हमारे गृह मंत्री भी हैं, ने इस पर मुझसे सीधी चर्चा की और हमने कुछ अहम बदलाव किए हैं। कई जिलों के एसपी का तबादला किया गया और पुलिस मुख्यालय और इंटेलिजेंस शाखा में भी सुधार किए गए हैं।”

हरिद्वार की डकैती पर सख्त एक्शन का संकेत:
डीजीपी ने हरिद्वार में हाल ही में हुई डकैती की घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, “अगर कोई दुस्साहसी घटना होती है, तो उत्तराखंड पुलिस अपराधियों के लिए एक बुरा सपना साबित होगी। अब पुलिस के लिए दोस्ताना रवैया नहीं होगा। अगर किसी ने कानून को हाथ में लेने की हिम्मत की, तो उसे गोलियों से जवाब दिया जाएगा।”

वेरिफिकेशन ड्राइव का उद्देश्य:
मुख्यमंत्री के आदेश पर चलाए जा रहे वेरिफिकेशन ड्राइव का मुख्य उद्देश्य राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को बनाए रखना और अपराधियों पर नकेल कसना है। बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सत्यापन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है ताकि किसी भी तरह के अपराधी तत्वों को पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।

सरकार की सख्त नीति:
प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार और पुलिस विभाग मिलकर सख्त कदम उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी की सीधी निगरानी में हो रहे ये बदलाव और पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण का मकसद राज्य में बढ़ते अपराध पर काबू पाना और जनता को सुरक्षा का अहसास कराना है।

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