
भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को पासिंग आउट परेड के दौरान एक फर्जी लेफ्टिनेंट को मिलिट्री इंटेलिजेंस व एस टीएफ ने गिरफ्तार किया। आपको बता दें कि ये बहरूपिया अकादमी में एंट्री करने के लिए लगातार IMA की बैरिकेडिंग के आसपास घूम रहा था। गिरफ्तार व्यक्ति 1/3 गोरखा रेजिमेंट का भगोडा सिपाही है।
आज IMA में सम्पन्न हुई पासिंग आउट परेड की सुरक्षा को लेकर मिलिट्री इंटेलिजेंस द्वारा लंबे समय से भारतीय सैन्य अकादमी की कड़ी निगरानी बनाई जा रही थी। आज सुबह पीओपी के दौरान तकरीबन 8:30 बजे MI कर्मियों को एक व्यक्ति भारतीय सेना वर्दी पहने अकादमी के आसपास घूमता दिखाई दिया। जोकि अकादमी में प्रवेश पाने के लिए बैरिकेड को लांघने के प्रयास में था।
बेरिकेडिंग के पास से किया गिरफ्तार
पीओपी के लिहाज से किसी बड़ी घटना की आशंका के चलते एमआई द्वारा इसकी जानकारी एसटीएफ को दी गयी। दोनों की संयुक्त कार्यवाही में उस व्यक्ति को बैरीकेडिंग के पास से गिरफ्तार कर लिया गया है। उक्त व्यक्ति ने पैरा रेजिमेंट की लेफ्टिनेंट रैंक की सैन्य वर्दी पहनी हुई थी।
पूछताछ में बोलता रहा झूठ
टीम द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि उसका नाम सैन्य अधिकारी है और वो पीओपी देखने आया है। टीम द्वारा उससे दोबारा पूछताछ करने पर उसने बताया कि वो 1/3 गोरखा रेजिमेंट,गढ़ी कैंट में सेवारत है। चूंकि 1/3 गोरखा रेजिमेंट वर्ष 2020 में गढ़ी कैंट से जा चुकी है तो एमआई को उस व्यक्ति पर शक हो गया।
1/3 जीआर का भगोड़ा सिपाही है उक्त व्यक्ति
जिसके बाद एमआई ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका नाम जयनाथ शर्मा पुत्र उदयराम शर्मा निवासी ग्राम अरभारवा,तहसील देवपुर,महराजगंज, उत्तरप्रदेश हाल निवासी- मिलान विहार, माजरा, देहरादून है। उसके बताये अनुसार वह पूर्व में 1/3 जीआर का भगोड़ा घोषित सिपाही है जो 2017 में गढ़ी कैंट से भाग गया था। भगोड़ा सिपाही होने के बाद आईएमए में घुसने की मंशा के चलते एमआई व एसटीएफ टीम ने अभियुक्त के मिलान विहार घर की तलाशी ली ।
तलाशी में हुआ बरामद, ठगने वाले गिरोह से हो सकते हैं तार
तलाशी में टीम ने उसके घर से सर्विस कार्ड,आधार कार्ड,4 मोबाइल फोन,3 स्टाम्प,पैरा कॉम्बैट यूनिफार्म, नेपाल व अमेरिका की करेंसी समेत फर्जी एडमिट कार्ड,हवाई टिकट बरामद किए है। एमआई व एसटीएफ द्वारा अभियुक्त के घर से बरामद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रथम दृष्टया उसके तार सेना में युवाओं को फर्जी रूप से भर्ती करवाने के नाम पर रुपये ठगने वाले गिरोह से होने का अंदेशा जताया है। जिसके बाद टीम द्वारा उसके अन्य साथियों की जानकारी जुटाई जा रही है। अभियुक्त के अनुसार उसने अपने घर वालों व पड़ोसियों को आईएमए में लेफ्टिनेंट की ट्रेनिंग करने की झूठी जानकारी दी है।