पीटीआई। सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सशस्त्र बलों के लिए सबसे हल्के फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल वाली बुलेट प्रूफ जैकेट (बीपीजे) विकसित की है। इसके लिए नई सामग्री के साथ-साथ नई प्रक्रियाओं का उपयोग किया गया है।
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि बीपीजे को डीआरडीओ परियोजना के तहत विकसित किया गया है। इसके उत्पादन के लिए डीआरडीओ की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) नीति के अनुसार विकसित प्रौद्योगिकी को भारतीय उद्योगों को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
यह स्तर 6 का सबसे हल्का बीपीजे है। इस जैकेट का वजन लगभग 10.1 किलोग्राम है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि देशभर में लगभग 18 लाख एकड़ रक्षा भूमि में से लगभग 10,354 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण है। उन्होंने रक्षा भूमि पर अतिक्रमण का राज्यवार ब्यौरा साझा किया।
भूमि पर कुछ राज्य सरकार की एजेंसियों का कब्जा
आगे कहा कि रक्षा भूमि के अतिक्रमण में राज्य सरकार के अधिकारियों की मिलीभगत की कोई सूचना नहीं है। हालांकि कुछ भूमि पर कुछ राज्य सरकार की एजेंसियों का कब्जा है। मंत्री ने रक्षा मंत्रालय संबंधी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदमों की जानकारी भी दी।
उन्होंने कहा, अतिक्रमण का पता चलने पर पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के साथ समन्वय में कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाकर उन्हें हटाया जाता है।
रक्षा भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण कर दिया गया है
मंत्री ने कहा कि रक्षा भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण कर दिया गया है। सरकार ने कुछ संवेदनशील रक्षा भूमि क्षेत्रों के चारों ओर चारदीवारी, बाड़ या खंभे के निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सरकार ने दिव्यांगता पेंशन के संबंध में सेवारत अधिकारियों और सेवानिवृत्त सैनिकों के विरुद्ध कोई अदालती मुकदमा शुरू नहीं किया है।