पीटीआई। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने तक वह बिना जिम्मेदारी के सत्ता का आनंद ले रहे थे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबों को और गरीब किया है। जनता ने भी कांग्रेस को बार-बार नकारा है और तीसरी बार एनडीए ने देश में स्थिर सरकार बनाई है।
‘क्या राहुल गांधी पूरे दिन सदन में बैठे रहेंगे?’
दरअसल, राहुल गांधी के विपक्ष के नेता बनने पर अनुराग ठाकुर बधाई दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता के पास अब जिम्मेदारी के साथ सत्ता है और बिना किसी जिम्मेदारी के जमींदारी नहीं चलेगी। वो कई सालों से बिना जिम्मेदारी के सत्ता का आनंद ले रहे थे और उन्होंने जोर देकर कहा कि अब कांग्रेस नेता के लिए यह अग्निपरीक्षा है। इस दौरान अनुराग ठाकुर ने तंज किया कि, क्या वे पूरे दिन लोकसभा में बैठेंगे? वो अब भी यहां नहीं हैं।
बिना जिम्मेदारी के जमींदारी की नीति नहीं चलेगी’
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए लोकसभा में ठाकुर ने पिछले 10 वर्षों में एनडीए सरकार की विभिन्न आर्थिक उपलब्धियों को गिनाया। इसी दौरान उन्होंने विपक्षी दलों और राहुल गांधी पर कटाक्ष किया।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए ठाकुर ने कहा कि लोकसभा चुनाव ने संविधान के खिलाफ लोगों को तीसरी बार विपक्ष की बेंच पर बैठा दिया है। विपक्ष के नेता बनने पर गांधी को बधाई देते हुए ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता के पास अब जिम्मेदारी के साथ शक्ति भी है और ‘बिना किसी जिम्मेदारी के जमींदारी की नीति नहीं चलेगी।’
ठाकुर ने कहा कि पिछले कई सालों से गांधी बिना किसी जिम्मेदारी के सत्ता का आनंद ले रहे हैं और अब कांग्रेस नेता के लिए यह अग्निपरीक्षा है। भाजपा नेता ने कहा, “क्या वह पूरे दिन लोकसभा में बैठेंगे?… वह अब वहां (यहां तक कि) नहीं हैं।”
ठाकुर ने जब यह टिप्पणी की तब गांधी सदन में नहीं थे और विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया। ठाकुर ने कहा कि भारत की एक समय नाजुक अर्थव्यवस्था थी। लेकिन पिछले 10 वर्षों में देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है।
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान आर्थिक विफलता, क्रोनी पूंजीवाद और घोटाले हुए, जबकि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है।