पीटीआई। मणिपुर के बहुसंख्यक मैतेयी समूह का प्रतिनिधित्व करने वाली कोकोमी समिति के प्रतिनिधियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और राज्य से असम राइफल्स को वापस बुलाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि अर्धसैनिक बल पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहा है। इस बीच, भाजपा शासित मणिपुर सरकार ने हिंसा के दौरान यौन अपराधों और एसिड अटैक की शिकार हुई महिलाओं को मुआवजा देने की योजना को मंजूरी दी है।
कोकोमी के प्रतिनिधियों ने की रक्षा मंत्री से मुलाकात
इंफाल घाटी में मैतेयी समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली मणिपुर की एकता के लिए समन्वयक समिति (कोकोमी) ने एक बयान में कहा कि उनके प्रतिनिधियों ने गुरुवार को राजनाथ सिंह से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने दावा किया कि कुकी समूहों ने मणिपुर संकट के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करके भारत सरकार को शर्मिंदा किया है।
बयान में कहा गया है कि उन्होंने रक्षामंत्री के समक्ष नार्को-आतंकवाद, अवैध प्रवासी और उनकी पहचान के साथ-साथ आपरेशन समझौते के निलंबन के मुद्दों को भी उठाया। दूसरी ओर, कुकी समूह राज्य की पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं।
10 कुकी विधायकों ने पीएम मोदी से की थी अपील
पिछले महीने राज्य के 10 कुकी विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्य से असम राइफल्स को वापस न बुलाने की अपील करते हुए कहा था कि इससे आदिवासियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। वहीं, प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने एडिटर गिल्ड आफ इंडिया (ईजीआइ) के चार सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर दो हफ्ते के लिए रोक लगा दी है। ईजीआइ अध्यक्ष सीमा मुस्तफा, वरिष्ठ पत्रकार सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर के खिलाफ जातीय नफरत को बढ़ावा देने वाले रिर्पोटिंग का केस दर्ज है।
सामूहिक दुष्कर्म पर 5-10 लाख, दुष्कर्म पर 4-7 लाख मुआवजा
मणिपुर सरकार के गृह विभाग के कमिश्नर टी. रंजीत सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने यौन अपराधों और एसिड अटैक की शिकार महिलाओं को मुआवजा देने की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता को कम से कम पांच लाख रुपये और अधिकतम दस लाख रुपये दिए जाएंगे, जबकि दुष्कर्म पीड़िताओं को 4-7 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, एसिड अटैक से चेहरा बिगड़ने पर 7-8 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
मणिपुर में अब तक 180 लोगों की मौत
महिला की जान जाने या उसके जबरन लापता किए जाने की स्थिति में 5-10 लाख रुपये का हर्जाना दिया जाएगा। यह योजना पीड़िताओं और उन पर आश्रित सदस्यों के लिए होगी, जिन्हें किसी तरह की क्षति पहुंची है या वह घायल हैं। महिला पीड़िताओं के लिए मुआवजे का निर्धारण मणिपुर राज्य कानून सेवा प्राधिकरण (मालसा) या जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण ने किया है। मणिपुर में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा से अब तक 180 लोग मारे गए हैं और 1,100 घायल हैं।
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