एएनआई : यूनाइटेड किंगडम में कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग के दौरान खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथियों ने जमकर हंगामा किया और फिल्म को रोकने की कोशिश की। इस घटना ने न केवल भारतीय समुदाय को झकझोरा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा छेड़ दी है। अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और यूके सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
खालिस्तानियों का हंगामा और विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने कई रिपोर्ट्स देखी हैं कि फिल्म ‘इमरजेंसी’ को यूके में कई स्थानों पर बाधित किया जा रहा है। यह न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि भारतीय समुदाय के खिलाफ उग्रता फैलाने की साजिश भी है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने यूके सरकार से पहले भी इस तरह की गतिविधियों पर चिंता जाहिर की है और जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
यूके से सख्त कदम उठाने की उम्मीद
भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूके सरकार से उम्मीद जताई कि वह इस घटना को गंभीरता से लेगी और जिम्मेदार खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग लगातार भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय है।
अमेरिका में भी गरमाया गुरपतवंत सिंह पन्नू का मामला
इस घटना के साथ ही खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का मामला भी गर्मा गया है। सोशल मीडिया पर पन्नू का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में नजर आ रहा है। जब इस पर सवाल किया गया, तो विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत इस मामले को अमेरिका के सामने उठाएगा।
रणधीर जायसवाल ने कहा, “जब भी भारत विरोधी गतिविधियां होती हैं, हम अमेरिकी सरकार के साथ इन मामलों को उठाते हैं। भारत विरोधी एजेंडे को लेकर हमारी सुरक्षा और हितों पर असर डालने वाले ऐसे मामलों को अनदेखा नहीं किया जाएगा।”
कंगना का करारा जवाब
इस विवाद के बीच, कंगना रनौत ने भी अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा, “इमरजेंसी एक ऐसी फिल्म है जो भारत की असली लोकतांत्रिक लड़ाई की कहानी को दिखाती है। ऐसे विरोध सिर्फ यह साबित करते हैं कि कुछ लोग सच्चाई से डरते हैं।”
बवाल से बड़ी तस्वीर
यह घटना न केवल फिल्म ‘इमरजेंसी’ के जरिए सच्चाई दिखाने की कोशिश को निशाना बनाती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय समुदाय और सुरक्षा के लिए भी एक चुनौती है। अब सबकी नजरें यूके सरकार पर हैं कि वह इस पर क्या कदम उठाती है।
“खालिस्तानी बवाल और भारतीय नाराजगी के बीच, यह साफ है कि भारत अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सुरक्षा के खिलाफ किसी भी तरह की साजिश को बर्दाश्त नहीं करेगा।