देहरादून : उत्तराखंड में नशा मुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में मादक पदार्थों के निस्तारण और तस्करी पर रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर और केंद्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन में, यह अभियान राज्य को “नशा मुक्त देवभूमि” बनाने की दिशा में एक अहम पहल है।
गढ़वाल और कुमाऊं में चला सख्त अभियान
मुख्यमंत्री ने इस अभियान के तहत वर्चुअल माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिए कि नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाए जाएं। राज्य में गढ़वाल और कुमाऊं रेंज में मादक पदार्थ निस्तारण की कार्रवाई जोर-शोर से की जा रही है। औषधि व्ययन समिति के अध्यक्ष आई.जी. गढ़वाल की रिपोर्ट के आधार पर मादक पदार्थों के निपटान का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
ड्रग्स बरामदगी के आंकड़े
- 2022 से 2025 तक:
- 886 मामले दर्ज
- 907 आरोपी गिरफ्तार
- कुल 2459 किलो मादक पदार्थ जब्त, जिसकी अनुमानित कीमत ₹22.38 करोड़।
- कुमाऊं मंडल में 2023 तक ₹6.82 करोड़ मूल्य की 610.80 किग्रा ड्रग्स और 2024 में ₹5.43 करोड़ मूल्य की 56.201 किग्रा ड्रग्स जब्त।
- गढ़वाल रेंज में 2022 में ₹2.74 करोड़ मूल्य की 605.628 किग्रा ड्रग्स बरामद की गई।
तस्करों पर कानूनी शिकंजा
उत्तराखंड पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की।
- 5 तस्करों पर सख्त कार्रवाई हुई।
- 8 अन्य मामलों की जांच जारी।
- ₹3 करोड़ से अधिक की संपत्ति सीज/फ्रीज की गई।
नशा मुक्त समाज के लिए कदम
मुख्य सचिव और जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एन्कोर्ड समितियां नियमित रूप से बैठकें कर रही हैं। इन बैठकों में राज्य और जिला स्तर के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय से नशे की रोकथाम की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं कई बैठकों की अध्यक्षता की और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
नशा मुक्त देवभूमि की ओर कदम
मादक पदार्थ निपटान के तहत जब्त किए गए ड्रग्स को निरीक्षण के बाद मेडिकल पॉल्यूशन कमेटी, रुड़की, हरिद्वार भेजा जाएगा। साथ ही, समाज को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए जनजागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा, “नशे के खिलाफ हमारी लड़ाई केवल तस्करों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को नशे से बचाने और युवाओं को सकारात्मक दिशा देने का हमारा लक्ष्य है। उत्तराखंड को नशा मुक्त देवभूमि बनाना हमारी प्राथमिकता है।”