आपदा मित्र बनेंगे उत्तराखंड के युवा, 4310 स्वयंसेवकों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण

 

 

 

देहरादून : उत्तराखंड के युवाओं के लिए आपदा मित्र बनने का सुनहरा अवसर आया है! एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र और भारत स्काउट एवं गाइड के स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के तहत फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को आपदाओं से निपटने के लिए दक्ष बनाना और उन्हें राहत व बचाव कार्यों में सक्षम बनाना है।

सोमवार को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव श्री विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए चारों युवा संगठनों और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई।

प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना से जुड़ेगा उत्तराखंड

इस परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “मेरा युवा भारत”, “युवा सेतु”, “सबका प्रयास” जैसी प्रमुख योजनाओं और आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर 10 प्वाइंट एजेंडा को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में लागू किया गया है। इस योजना को 25 जुलाई 2024 को गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मंजूरी दी थी, और अब इसे उत्तराखंड में प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है।

उत्तराखंड के 11 जिलों में होगा प्रशिक्षण, 50% महिलाएं होंगी शामिल

यह योजना उत्तराखंड के 11 जिलों में लागू की गई है, जहां 4310 स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। खास बात यह है कि 50% महिलाओं को भी प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि आपदा प्रबंधन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

स्वयंसेवकों को मिलेगा आपातकालीन किट और इंश्योरेंस

प्रशिक्षण पूरा करने वाले स्वयंसेवकों को प्रशस्ति पत्र के साथ विशेष आपातकालीन किट दी जाएगी, जिसमें लाइफ जैकेट, सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाली टॉर्च, फर्स्ट-एड किट, हेलमेट, सेफ्टी ग्लव्स, रस्सी, बरसाती, सुरक्षा चश्मा और मच्छरदानी शामिल होंगे।

इसके अलावा, स्वयंसेवकों को तीन साल का लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस भी दिया जाएगा।

क्या होगा प्रशिक्षण में?

युवाओं को भूकंप, बाढ़, आग, आकाशीय बिजली, भूस्खलन, शीत लहर, रासायनिक आपदा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का प्रशिक्षण मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें सीपीआर, प्राथमिक उपचार, रक्तस्राव रोकने, रस्सी से बचाव और घायलों को सुरक्षित निकालने जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों में भी दक्ष बनाया जाएगा।

उत्तराखंड को आपदाओं से सुरक्षित बनाएंगे युवा

सचिव श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि उत्तराखंड एक आपदा-संवेदनशील क्षेत्र है और ऐसे में समुदाय की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है। “आपदा मित्र योजना” से राज्य के युवा न केवल अपने समुदाय की रक्षा करेंगे, बल्कि राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

कैसे करें आवेदन?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए 18 से 40 वर्ष के युवा, जो एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र या भारत स्काउट-गाइड से जुड़े हैं और कम से कम 7वीं पास हैं, वे आवेदन कर सकते हैं।

युवाओं के लिए सुनहरा अवसर!

यदि आप भी आपदाओं के दौरान अपने समुदाय की रक्षा करना चाहते हैं और राहत एवं बचाव कार्यों में योगदान देना चाहते हैं, तो यह “आपदा मित्र” योजना आपके लिए है!

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