पीटीआई। हाल ही में गाजा के एक अस्पताल पर रॉकेट हमले के बाद भारत ने इसपर चिंता जताया है। भारत ने इजरायल-हमास युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आह्वान किया है।
गाजा से लोगों को निकालना थोड़ा मुश्किलः भारतीय विदेश मंत्रालय
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि गाजा में उत्पन्न परिस्थिति को लेकर भारत चिंतित है। गाजा में भारतीयों के फंसे होने के सवाल पर बागची ने कहा कि वहां (गाजा) पहले तकरीबन चार लोग थे, लेकिन अभी स्पष्ट आंकड़े नहीं है। उन्होंने कहा कि गाजा में स्थिति ऐसी है कि वहां से निकलना थोड़ा मुश्किल है।
ऑपरेशन अजय को लेकर अरिंदम बागची ने कहा कि अजय ऑपरेशन के तहत पांच विमान से 1200 लोग वापस लाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें 18 नेपाली नागरिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और भी विमान भेजने का प्लान है।
भारत ने बातचीत का रास्ता अपनाने पर दिया जोर
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने इजरायल पर हुए भीषण हमले की कड़ी निंदा की है और पूरी दुनिया को आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट होना चाहिए। फलस्तीन और इजरायल को लेकर अरिंदम बागची ने कहा कि हमने पहले भी बातचीत पर जोर दिया है और अभी भी उसी को दोहरा रहे हैं।
गाजा में अस्पताल पर हमले की वैश्विक निंदा
बता दें कि मंगलवार को गाजा के एक अस्पताल में एक रॉकेट हमला हुआ था, जिसमें करीब 470 लोगों की मौत हो गई थी। अंतरराष्ट्रीय समुदायों ने इस घटना की कड़ी निंदा की थी। साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया था। पीएम मोदी ने कहा दुख जताते हुए कहा कि इस युद्ध में निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
इजरायल ने रॉकेट हमले से किया किनारा
गाजा के अस्पताल पर हुए हमले को लेकर फलस्तीन के अधिकारियों ने इजरायल को दोषी ठहराया है, जबकि इजरायल ने इसे बेबुनियाद बताया है। इस पर इजरायल का कहना है कि ये घटना इस्लामिक जिहाद द्वारा गाजा से लॉन्च किए गए एक रॉकेट के कारण हुई।
सात अक्टूबर को इजरायल में हुआ था हमला
बता दें कि हमास ने सात अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था। इस हमले में इजरायल में करीब 1400 लोगों की मौत हो गई और 3800 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं, फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इजरायल के जवाबी हमले में गाजा में कम से कम 3300 लोगों की मौत हुई है और 12000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।