कैबिनेट के 6 बड़े फैसले: जैव प्रौद्योगिकी से लेकर महिला-कल्याण तक, उत्तराखंड में विकास की नई दिशा तय

 

 

 



देहरादून: उत्तराखंड कैबिनेट ने मंगलवार को विकास और जनकल्याण को गति देने वाले छह अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी। ये फैसले न केवल राज्य के प्रशासनिक, वैज्ञानिक और सामाजिक ढांचे को सशक्त बनाएंगे, बल्कि भविष्य के लिए बुनियादी ढांचे और नीति निर्धारण की भी दिशा तय करेंगे। आइए जानते हैं इन निर्णयों की प्रमुख झलकियाँ—

1. जैव प्रौद्योगिकी परिषद के ढांचे में बड़ा बदलाव

पद नहीं, प्रणाली बदली – हल्दी व देहरादून स्थित जैव प्रौद्योगिकी परिषद के 46 पदों की संख्या यथावत रखते हुए अब उन्हें एकीकृत संवर्ग के रूप में रखा जाएगा। साथ ही, भर्ती के स्रोतों में संशोधन भी कैबिनेट ने स्वीकृत किया।

2. बागेश्वर भूमि धंसाव प्रकरण पर कार्रवाई – 18 पद बढ़े

उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के ढांचे में 18 नए पद सृजित किए गए हैं ताकि बागेश्वर जिले में भूमि धंसाव से जुड़ी जांच और राहत कार्य समयबद्ध ढंग से हो सकें।

3. आसन नदी के दोनों तट होंगे संरक्षित, STP और रोड प्रोजेक्ट को हरी झंडी

53 किमी लंबे क्षेत्र में देहरादून की आसन नदी के दोनों तटों को ‘बाढ़ मैदान परिक्षेत्र’ घोषित किया गया। इस अधिसूचना के तहत रोपवे, मोबाइल टावर, STP, हाई टेंशन लाइन और एलिवेटेड रोड जैसी परियोजनाओं को भी अब अनुमति दी जाएगी।

4. निरीक्षण भवनों का PPP मोड में होगा मुद्रीकरण

रानीखेत, उत्तरकाशी, हर्षिल, दुग्गलबिट्टा और ऋषिकेश में स्थित 5 निरीक्षण भवनों को PPP मोड में विकसित कर राजस्व और टूरिज्म दोनों को बढ़ावा मिलेगा। यूआईआईडीबी इस कार्य में ट्रांजैक्शन एडवाइज़र की भूमिका निभाएगा।

5. Allied & Healthcare Professionals के लिए नई परिषद

राष्ट्रीय सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देख-रेख वृत्ति आयोग अधिनियम, 2021 के तहत “उत्तराखंड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद” के गठन को मंजूरी दी गई। यह परिषद राज्य में Allied Health Professionals की शिक्षा, मानक और पंजीकरण को राष्ट्रव्यापी ढांचे से जोड़ेगी

6. महिलाओं और बच्चों के लिए ‘कॉर्पस फंड’

अब विदेशी मदिरा पर उपकर से प्राप्त राशि को “मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि” के तहत उपयोग किया जाएगा। यह फंड आपदा में अनाथ बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्धजन के लिए राहत और आजीविका की दिशा में एक बड़ा सहारा बनेगा।



ये फैसले दिखाते हैं कि उत्तराखंड सरकार विज्ञान, समाज, पर्यावरण और स्वास्थ्य – हर मोर्चे पर सुधार और संवर्धन की दिशा में अग्रसर है। एक ओर जहां ये निर्णय नीतिगत मजबूती को दर्शाते हैं, वहीं दूसरी ओर सामाजिक सरोकारों को भी केंद्र में रखते हैं।

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