खरीफ 2025 की तैयारी शुरू: पोखड़ा में कृषि नवाचार और आत्मनिर्भर किसान पर फोकस

 

 

 

पोखड़ा : विकसित भारत के विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत उत्तराखंड के विकासखंड पोखड़ा में कृषक संवाद और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में खेती को वैज्ञानिक, तकनीकी और व्यावसायिक दृष्टिकोण से जोड़ने की दिशा में कई अहम संदेश और योजनाएं किसानों के सामने रखी गईं।

कृषि में नवाचार और तकनीक को अपनाने पर बल

मुख्य अतिथि भारत सरकार के कृषि (विस्तार) उप सचिव श्री अनूप सिंह बिष्ट ने किसानों को उन्नत बीज, मृदा परीक्षण, जल प्रबंधन, डिजिटल एग्री प्लेटफॉर्म जैसे ई-नाम और डिजिटल एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “कम लागत में अधिक उत्पादन और बेहतर विपणन ही आज की कृषि की सफलता का मंत्र है।”

महिलाएं हैं पहाड़ की रीढ़ – डॉ. विकेश यादव

मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. विकेश यादव ने कहा कि महिलाएं पहाड़ी कृषि की असली धुरी हैं। उन्होंने सिंचाई, बागवानी, तकनीकी प्रशिक्षण और खतौनी जैसे मुद्दों पर किसानों को जानकारी दी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि राजस्व विभाग से समन्वय कर किसानों की भूमि से जुड़ी समस्याएं सुलझाई जाएंगी।

कृषि विश्वविद्यालय से मिला व्यावहारिक मार्गदर्शन

भरसार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परविंदर कौशल ने किसानों को बताया कि बीज की गुणवत्ता, प्रसंस्करण और प्रशिक्षण के जरिये वे अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। उन्होंने बाजार से सीधे संपर्क और एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) की उपयोगिता पर भी जोर दिया।

किसानों की समस्याएं – समाधान के साथ सुनी गईं

किसानों ने वनाग्नि, जंगली जानवरों, घेरबाड़ की कमी, श्रमिकों की लागत जैसी चुनौतियों को अधिकारियों के समक्ष रखा। जवाब में यंत्रीकरण, बागवानी विस्तार, पशुपालन और मनरेगा को कृषि से जोड़ने जैसे उपायों की बात कही गई।

जनभागीदारी और संवाद का सफल मंच

कार्यक्रम में पूर्व व वर्तमान जनप्रतिनिधियों, कृषि विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों की सहभागिता रही। उपस्थित किसानों से फीडबैक लेकर समस्याओं की समीक्षा की गई और उन्हें समन्वित समाधान का भरोसा दिया गया।

पोखड़ा में आयोजित यह संवाद कार्यक्रम कृषि को आत्मनिर्भर, समावेशी और नवाचारी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित हुआ। ऐसे प्रयास न केवल किसानों के भरोसे को मजबूत करते हैं, बल्कि विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को जमीनी हकीकत में बदलने की दिशा में सहायक बनते हैं।

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