कैंची धाम बाईपास को मिली वन मंत्रालय की मंज़ूरी, ट्रैफिक जाम से मिलेगी स्थायी राहत 

 

 

TMP: उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कैंची धाम जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। एनएच-109 ई पर वाहनों की बढ़ती भीड़ और लगातार लगने वाले जाम की समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रस्तावित कैंची धाम बाईपास मोटर मार्ग परियोजना को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है।

यह परियोजना अब तेजी से आगे बढ़ेगी, जिससे न केवल श्रद्धालुओं को निर्बाध यात्रा का अनुभव मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को भी सुगम आवाजाही का लाभ होगा।

 परियोजना की मुख्य बातें:

  • बाईपास की कुल लंबाई: 19 किमी

  • शुरुआती 8 किमी के लिए ₹1214.71 लाख की स्वीकृत राशि

  • शिप्रा नदी पर सेतु का निर्माण भी प्रस्तावित

  • शेष 11 किमी मार्ग में वन भूमि शामिल, जिसके लिए अब स्वीकृति मिल चुकी है

  • निर्माण कार्य प्रगति पर, जल्द ही बाकी हिस्से पर काम शुरू होगा

मुख्यमंत्री धामी ने जानकारी दी कि गुरुवार को हुई REC (रीजनल एंपावर्ड कमेटी) की बैठक में परियोजना के लिए आवश्यक वन भूमि हस्तांतरण को हरी झंडी मिल गई है। बीते सप्ताह उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात कर स्वीकृति का अनुरोध किया था, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

क्यों जरूरी है कैंची बाईपास?

  • कैंची धाम में हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही

  • भवाली और कैंची मार्ग पर अक्सर लगता है लंबा जाम

  • वर्तमान मार्ग पर वाहनों का अत्यधिक दबाव

  • पर्यटन सीजन में सुरक्षा और सुविधा बड़ी चुनौती

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह बाईपास न केवल श्रद्धालुओं की आस्था की राह को सहज बनाएगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी दैनिक आवागमन में सुविधा देगा। भवाली और कैंची धाम के आसपास का ट्रैफिक अब इतिहास बनने जा रहा है।”

धार्मिक आस्था, पर्यटन विकास और यातायात सुविधा के समन्वय के रूप में कैंची धाम बाईपास परियोजना उत्तराखंड में एक बड़ी उपलब्धि साबित होने जा रही है। सरकार की तत्परता और केंद्र से मिली स्वीकृति ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि अब उत्तराखंड तेजी से आधुनिक और सुगम यात्रा के युग में प्रवेश कर चुका है।

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