TMP: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ नीतिगत और कूटनीतिक स्तर पर एक के बाद एक कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बुधवार की रात सीसीएस (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की बैठक के बाद भारत ने गुरुवार को एक और बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी वीज़ा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं।
27 अप्रैल तक भारत छोड़ें पाक नागरिक
विदेश मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सामान्य पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल 2025 तक भारत छोड़ना होगा, जबकि मेडिकल वीज़ा पर आए लोगों को 29 अप्रैल तक की मोहलत दी गई है।
पाक में भी हलचल, भारतीयों से कहा- लौट जाएं
इस बीच पाकिस्तान ने भी सीसीएस जैसी उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और भारत विरोधी फैसलों का एलान किया है। पाकिस्तान में रह रहे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लौटने की सलाह दी गई है।
🇮🇳 भारत का एक्शन प्लान क्या है?
विदेश मंत्रालय का यह एक्शन उसी कड़ी का हिस्सा है जिसमें बुधवार को लिए गए 5 बड़े फैसलों में—
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सिंधु जल समझौते पर रोक,
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अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट बंद,
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सार्क वीज़ा स्कीम समाप्त,
जैसे निर्णय शामिल थे। गुरुवार को जो फैसला हुआ है वह सभी प्रकार के पाकिस्तानी वीज़ा को कवर करता है।
सरकार का संदेश साफ – आतंक के साथ कोई नरमी नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को भी देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने बिहार में सार्वजनिक मंच से कहा था कि “जिसने मासूमों का खून बहाया है, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।” इसके बाद ही विदेश मंत्रालय की तरफ से ये कड़ा निर्णय सामने आया।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी बोले:
“पहलगाम हमले के दोषियों को सज़ा दिलाना ही नहीं, उनके आकाओं को बेनकाब करना भी हमारा लक्ष्य है। यह फैसला उसी दिशा में एक और कदम है।”
भारत ने साफ कर दिया है कि अब शब्द नहीं, एक्शन चलेगा। चाहे डिप्लोमैटिक स्ट्राइक हो या डिजिटल स्ट्राइक, भारत आतंक के खिलाफ हर मोर्चे पर अडिग है।