देहरादून: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 7-8 अप्रैल को देहरादून में दो-दिवसीय ‘चिंतन शिविर 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन में देशभर के विशेषज्ञ, नीति निर्माता, राज्य मंत्रीगण और अधिकारीगण एक साथ जुटेंगे, ताकि सामाजिक न्याय और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की जा सके और भावी दिशा तय की जा सके।
इस महत्त्वपूर्ण सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार करेंगे। उनके साथ राज्य मंत्री रामदास आठवले और बी. एल. वर्मा भी इस आयोजन में शामिल होंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मौके पर उपस्थित रहेंगे।
इस सम्मेलन में देश के 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के समाज कल्याण मंत्रियों, राज्य समाज कल्याण विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, और विकास व वित्त निगमों के प्रमुख भाग लेंगे।
सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्य:
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केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना
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योजनाओं के कन्वर्जेंस को बढ़ावा देना
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जमीनी स्तर पर सेवाओं का प्रभावी और समावेशी वितरण सुनिश्चित करना
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वंचित समुदायों की गरिमा, समावेश और पुनर्वास के लिए ठोस कार्यनीतियाँ तैयार करना
सम्मेलन में दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर समुदाय, सफाई कर्मचारी, और बेघर अथवा भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों के अधिकारों और जीवनस्तर सुधार पर विशेष चर्चा की जाएगी। साथ ही, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास, और स्थायी आजीविका के अवसर बढ़ाने पर भी रणनीति तैयार की जाएगी।
चिंतन शिविर में मंत्रालय के विजन और मिशन — मानव सम्मान, अधिकार-आधारित समर्थन और समान अवसर — को केंद्र में रखकर विचार-विमर्श किया जाएगा।
राज्यों के नवाचार, सामुदायिक मॉडल, और नीतिगत कार्यान्वयन में केंद्र-राज्य सहयोग के उदाहरण साझा किए जाएंगे। वहीं, डिजिटल प्रणाली, सामाजिक लेखापरीक्षा और नागरिक भागीदारी को और मजबूत करने की दिशा में भी मंथन होगा।
सम्मेलन का समापन सभी राज्यों के मंत्रियों के विचारों के साथ होगा, जिसमें एक न्यायपूर्ण और समावेशी भारत के निर्माण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया जाएगा।