TMP : दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना की गंदगी एक बड़ा मुद्दा बनी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्लीवासियों से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद यमुना की सफाई प्राथमिकता होगी। अब दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस वादे को अमल में लाते हुए यमुना सफाई अभियान की शुरुआत कर दी है।
चार चरणों में होगा यमुना शुद्धिकरण अभियान
यमुना की सफाई को लेकर चार स्तरीय रणनीति बनाई गई है:
कचरा और गाद हटाने का कार्य – नदी में जमा कचरा, गाद और अन्य गंदगी को हटाने का काम शुरू हो गया है।
बड़े नालों की सफाई – नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंट्री ड्रेन समेत प्रमुख नालों को साफ किया जाएगा।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की मॉनिटरिंग – मौजूदा प्लांट्स की क्षमता बढ़ाने और उनकी प्रभावी निगरानी की जाएगी।
नए STP प्लांट्स की स्थापना – 400 MGD सीवेज ट्रीटमेंट की कमी को पूरा करने के लिए नए STP/DSTP बनाए जाएंगे।
तीन साल में साफ होगी यमुना, हाई-लेवल मॉनिटरिंग जारी
यमुना को तीन साल के भीतर साफ करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है। इसके लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियां—DJB, I&FC, MCD, पर्यावरण विभाग, PWD और DDA—एक साथ मिलकर काम करेंगी। साथ ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) औद्योगिक कचरे की निगरानी करेगी, जिससे यमुना में अनुपचारित अपशिष्ट का प्रवाह रोका जा सके।
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पहले भी हुआ था सफाई अभियान, लेकिन क्यों रुका था काम?
- जनवरी 2023 में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने एलजी वी.के. सक्सेना की अध्यक्षता में यमुना सफाई के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी।
- इस समिति की पाँच बैठकें हुईं और मिशन मोड में सफाई का काम शुरू हुआ था।
- जुलाई 2023 में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने NGT के आदेश पर रोक लगा दी।
- इसके बाद यमुना की सफाई से जुड़ी सभी गतिविधियां ठप पड़ गईं।
अब क्या बदलेगा?
इस बार सफाई अभियान को नई तकनीकों और मॉनिटरिंग के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
- ट्रैश स्किमर, वीड हार्वेस्टर और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट जैसी मशीनों की मदद से यमुना को तेजी से साफ किया जाएगा।
- इस बार सरकार की योजना को कानूनी रूप से भी मजबूत किया गया है, ताकि बीच में कोई रुकावट न आए।
दिल्ली को मिलेगा साफ यमुना का तोहफा?
भले ही पिछली बार राजनीतिक वजहों से सफाई अभियान अधर में लटक गया था, लेकिन इस बार केंद्र और उपराज्यपाल यमुना को वाकई में प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं। क्या दिल्लीवासी तीन साल बाद एक साफ और निर्मल यमुना देख पाएंगे? अब नजरें इस अभियान की रफ्तार पर टिकी हैं!