देहरादून: उत्तराखंड रंगमंच और हास्य जगत के प्रसिद्ध कलाकार घनानंद का महंत इंद्रेश अस्पताल में निधन हो गया। प्रोस्टेट संबंधी समस्या के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कार्डियक अरेस्ट के चलते वह दुनिया को अलविदा कह गए।
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी का भावुक संदेश
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए गहरे दुख का इज़हार किया। उन्होंने पहाड़ी भाषा में एक मार्मिक संदेश लिखा:
“अफु रवे भि होलू, पर हमेशा हमथें हैंसाणु रै… पर आज हम सब्बू थें रूले गे।”
(अब भी उनकी हंसी गूंजेगी, लेकिन वे हमें हमेशा हंसाने के लिए नहीं रहेंगे…)
नेगी दा ने दिवंगत कलाकार को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि “घन्ना भाई अब हमारे बीच नहीं रहे, भगवान उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।”
रंगमंच के सितारे का सफर
जन्म: 1953, गगोड़ गांव (पौड़ी गढ़वाल)
शिक्षा: कैंट बोर्ड, लैंसडाउन (पौड़ी गढ़वाल)
करियर की शुरुआत: 1970 के दशक में रामलीलाओं और नाटकों से
पहचान: उत्तराखंड रंगमंच के मंझे हुए हास्य कलाकारों में शामिल
अस्पताल प्रशासन की पुष्टि
अस्पताल के पीआरओ भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन उन्हें सीपीआर देने के बावजूद रिवाइव नहीं किया जा सका।
फैंस और रंगमंच प्रेमियों में शोक की लहर
घनानंद के निधन की खबर से उत्तराखंड का कला जगत और प्रशंसक गहरे सदमे में हैं। उनकी हास्य प्रतिभा और मंचीय योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उत्तराखंड की हास्य विधा का यह सुनहरा अध्याय हमेशा याद किया जाएगा!