मिशन कर्मयोगी का महाअभियान: हर सरकारी कर्मी होगा हाई-टेक, हर नागरिक को मिलेगा योजनाओं का पूरा लाभ!

 

 

देहरादून:उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मिशन कर्मयोगी के तहत राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को iGOT डिजिटल प्लेटफॉर्म पर क्षमता विकास प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण अनिवार्य करने का निर्देश दिया है। उन्होंने शत-प्रतिशत लक्ष्य समयबद्ध रूप से पूरा करने पर जोर दिया।

सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में रतूड़ी ने महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन शोषण से संबंधित कानूनों की जानकारी देने और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का निर्देश महिला सशक्तिकरण विभाग को दिया। साथ ही, जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम पहुंचाने पर भी बल दिया ताकि नागरिक इन योजनाओं का आसानी से लाभ उठा सकें।

मुख्य सचिव ने नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रशासनिक प्रक्रियाओं और योजनाओं की जानकारी देने हेतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की सिफारिश की। बैठक में भारत सरकार की क्षमता निर्माण आयोग (CBC) की सदस्य डॉ. अलका मित्तल ने मिशन कर्मयोगी के तहत अब तक की उपलब्धियों को साझा करते हुए बताया कि 75 लाख से अधिक अधिकारियों को iGOT डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षित किया जा चुका है।

बैठक में बताया गया कि 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मिशन कर्मयोगी को लागू करने के लिए एमओयू किए गए हैं। आयोग ने सिविल सेवा प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय मानक तय किए हैं और 166 संस्थानों को मान्यता दी है।

“टेक्नोलॉजी से दक्षता तक: मिशन कर्मयोगी बदल रहा है प्रशासन का चेहरा!”

 राधा रतूड़ी की अगुवाई में यह पहल न केवल सरकारी कर्मचारियों को उच्च स्तर पर प्रशिक्षित करेगी, बल्कि जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों को भी सशक्त बनाएगी।

 
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