पीटीआई: देश में HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के मामलों में इजाफा हो रहा है। पुडुचेरी में इस वायरस का दूसरा मामला सामने आया है। 5 साल की बच्ची, जिसे बुखार, खांसी और नाक बहने की शिकायत थी, जो अभी अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची तेजी से ठीक हो रही है, और एहतियातन सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
पहला केस भी बच्चों में ही पाया गया
पिछले हफ्ते पुडुचेरी में 3 साल का बच्चा HMPV से संक्रमित पाया गया था। इलाज के बाद उसे पूरी तरह स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई।
गुजरात बना हॉटस्पॉट, राज्यों में अलर्ट
देशभर में HMPV के सबसे ज्यादा मामले गुजरात से आए हैं, जहां अब तक 4 केस दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र में 3, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, जबकि यूपी, राजस्थान, असम और बंगाल में एक-एक केस सामने आया है। वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
क्या है HMPV और कितना खतरनाक है?
HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था। यह मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित करता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि गंभीर मामलों में ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है।
सरकार ने बढ़ाई सतर्कता
स्वास्थ्य मंत्रालय ने HMPV को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। राज्यों को सतर्क रहने और खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और सफाई पर ध्यान देने की अपील की गई है।
बच्चों पर खास ध्यान जरूरी
पुडुचेरी में एक हफ्ते में दो बच्चों का संक्रमित होना बताता है कि बच्चों को खास देखभाल की जरूरत है। माता-पिता को सलाह दी गई है कि वे बच्चों में किसी भी बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
घबराएं नहीं, सतर्क रहें
HMPV भले ही तेजी से फैल रहा हो, लेकिन इसका असर ज्यादातर मामूली होता है। सही देखभाल और सावधानियों से इससे बचा जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय और डॉक्टरों की सलाह का पालन करना ही इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।