भारतीय शेयर बाजार में चीन और मिडिल ईस्ट की उठापटक से हलचल : सेंसेक्स 930 अंक लुढ़का, 9 लाख करोड़ रुपये डूबे

 

 

 

भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को बड़ा झटका देखने को मिला। सेंसेक्स 930 अंक की भारी गिरावट के साथ 80,220 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 309 अंक की गिरावट के साथ 24,472.10 पर बंद हुआ। इस तेज गिरावट ने निवेशकों को करीब 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है, जिससे ज्यादातर पोर्टफोलियो रेड जोन में चले गए।

गिरावट के कारण

इस गिरावट के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारण जिम्मेदार हैं। चीन द्वारा हाल ही में घोषित 140 अरब डॉलर के पैकेज के बाद वहां के शेयर बाजार में उछाल आया, जिससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालकर हांगकांग और चीन के बाजारों में निवेश कर रहे हैं। पिछले 22 दिनों में विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार से 90,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है।

इसके अलावा, मिडिल ईस्ट में चल रहा युद्ध भी निवेशकों की चिंता का कारण बना हुआ है। इन कारणों से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है, जिसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा।

बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट:

सेंसेक्स में शामिल प्रमुख कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, और रिलायंस के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। वहीं, पावर ग्रिड, इंडसइंड बैंक, और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर भी लुढ़क गए, जिससे बाजार पर और दबाव बना।

कुछ शेयरों को मिला लाभ

इस भारी गिरावट के बीच कुछ शेयरों ने उम्मीद बनाए रखी। ICICI बैंक, Nestle, और Infosys के शेयर लाभ में रहे, जो निवेशकों के लिए थोड़ी राहत की बात साबित हुई।

विदेशी और घरेलू निवेशकों का रुख

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने सोमवार को 2,261.83 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 3,225.91 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। हालांकि, विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली ने बाजार की स्थिति को और कमजोर किया।

नई एंट्री और निराशाजनक शुरुआत

इस गिरावट के बीच, Hyundai Motor India Ltd. के शेयर बाजार में अपनी शुरुआत फीकी रही। कंपनी का शेयर निर्गम मूल्य 1,960 रुपये के मुकाबले सात प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ।

निवेशकों को बड़ा नुकसान

शेयर बाजार की इस गिरावट ने निवेशकों के वेल्थ को तगड़ा झटका दिया है। BSE का मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर 4,44,68,772.25 करोड़ रुपये रह गया, जो पहले 4,53,65,023.74 करोड़ रुपये था। ज्यादातर निवेशकों का पोर्टफोलियो इस गिरावट के चलते रेड जोन में आ गया है, और बाजार में अस्थिरता से जल्द राहत की उम्मीद कम नजर आ रही है। इस आर्थिक झटके से उबरने के लिए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, खासकर वैश्विक स्तर पर बढ़ते तनाव और विदेशी निवेशकों की बिकवाली को ध्यान में रखते हुए।

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