देहरादून : मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य की ग्रामीण अवसंरचना विकास को प्राथमिकता देते हुए पेयजल और सिंचाई सुविधाओं के प्रस्तावों में तेजी लाने का आदेश दिया है। उन्होंने सचिवालय में नाबार्ड की आरआईडीएफ (ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि) पर आयोजित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विभागों को पेयजल परियोजनाओं से जुड़े प्रस्ताव तुरंत भेजने चाहिए। नाबार्ड को इन प्रस्तावों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेना होगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा सके।
राधा रतूड़ी ने सभी विभागीय सचिवों को निर्देश दिए कि ऋण वितरण और अदायगी की प्रक्रियाओं को सरल और तेज़ किया जाए। उन्होंने ऋण वितरण की धीमी गति पर चिंता जताई और साप्ताहिक समीक्षा को अनिवार्य कर दिया, ताकि लंबित परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं की सफलता और कृषि आय में बढ़ोतरी के लिए तुलनात्मक अध्ययन करवाने का भी निर्देश दिया।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि 2024-25 के लिए 1162 करोड़ रुपये के ऋण प्रस्ताव में से अभी तक मात्र 232.28 करोड़ रुपये का वितरण हुआ है, जो संतोषजनक नहीं है। रतूड़ी ने विभागों को निर्देशित किया कि वे अच्छे प्रस्ताव तैयार कर नाबार्ड के पास भेजें, ताकि अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। उन्होंने प्रत्येक सप्ताह प्रस्तावों की निगरानी करने और धीमी प्रगति वाले प्रोजेक्ट्स की विशेष समीक्षा के लिए वित्त विभाग को भी सख्त निर्देश दिए।
आपको बता दें कि राज्य में अब तक 2.05 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और पुनर्वास हो चुका है। 14,766 किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों का निर्माण और सुधार किया गया है, जबकि लाखों ग्रामीणों को पेयजल सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।