कोटा के कोचिंग सेंटरों में छात्रों की आत्महत्याएं रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम: ‘मनोदर्पण’ पहल शुरू

पीटीआई। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने सोमवार को कहा कि सरकार ने छात्रों की आत्महत्याओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। लगभग 1.2 प्रतिशत आत्महत्या की घटनाएं परीक्षा में विफलता से संबंधित होती हैं। राजस्थान स्थित कोटा के कोचिंग सेंटरों के छात्रों की आत्महत्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई कदम उठाए गए हैं।

सरकार ने शुरू की ‘मनोदर्पण’ पहल

मजूमदार ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए ‘मनोदर्पण’ पहल शुरू की है। राजस्थान सरकार ने भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने 2022-2023 में एक दिशा निर्देश जारी किया है, जिसे जिला प्रशासन द्वारा लागू किया गया है। उन्होंने 90 मनोवैज्ञानिक परामर्शदाताओं को नियुक्त किया है। छात्रों की मदद के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर भी है।

उन्होंने कहा कि 10 हजार छात्रावास द्वारपालों को यह पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया गया है कि क्या किसी छात्र को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता की आवश्यकता है। एक अन्य पहल के तहत छात्रों को जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिलने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
 

आखिर क्या है ‘मनोदर्पण’ पहल 

आपको बता दें कि मनोदर्पण पहल की शुरुआत 21 जुलाई 2020 को हमारे देश के शिक्षा मंत्री द्वारा की गई थी और तब से यह अपनी कई गतिविधियों के माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और परिवार की जरूरतों को पूरा करती आ रही (Importance of Manodarpan Scheme) है। इस योजना के अंतर्गत स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों और उनके माता-पिता और शिक्षकों को उनके मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए फ़ोन पर भी परामर्श प्रदान किया जाता है।

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