आईएएनएस, नई दिल्ली। नीट-यूजी परीक्षा लीक मामले में प्रतिदिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बिहार पुलिस ने इस मामले में अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में पांच नीट यूजी के अभ्यर्थी हैं। वहीं, अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है।
इतने लाख रुपये में बेचे गए थे नीट के पेपर
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों ने गुरुवार को माना कि परीक्षा से एक दिन पहले कुछ उम्मीदवारों के लिए प्रश्न पत्रों की व्यवस्था की गई थी। आरोपियों ने इसके लिए नीट के उम्मीदवारों से करीब 30-32 लाख रुपये लिए थे।
परीक्षा से एक दिन पहले मिला था पेपर
पुलिस के सामने चौंकाने वाला कबूलनामा अनुराग यादव नामक एक NEET अभ्यर्थी, उसका फूफा सिकंदर यादवेंदु, नीतीश कुमार और अमित आनंद ने किया है। मालूम हो कि चारों पेपर लीक का कथित तौर पर मास्टरमाइंड हैं। आरोपियों ने पुलिस के सामने माना कि नीट पेपर पांच मई को आयोजित परीक्षा से एक दिन पहले ही उपलब्ध करा दिए गए थे।
अनुराग यादव ने पुलिस से क्या कहा?
नीट उम्मीदवार अनुराग यादव ने पुलिस के सामने माना कि उसके फूफा सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने उसके लिए नीट के पेपर पहले से ही उसको दे दिए थे। अनुराग ने कहा कि मैं कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था, तभी मेरे फूफा ने मुझे पटना बुलाया और अमित और नीतीश के पास ले गए।
इस दौरान दोनों ने मुझे पेपर और उनके आंसर की (Answer Keys) दे दिया। यहां मुझे सभी उत्तर याद करने को कहा गया। मैं अगले दिन परीक्षा में बैठा तो सेम ही पेपर मुझे मिल गए। हालांकि, परीक्षा के बाद पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया।
इस तरह बनी थी पेपर लीक की भूमिका
यादवेंदु ने NEET पेपर लीक की घटनाओं पर कहा कि परीक्षा से पहले पेपर लीक के बारे में अमित और नीतीश ने बताया कि NEET के प्रश्नपत्र लीक होंगे और इस पर लगभग 30-32 लाख रुपये खर्च होंगे। हालांकि, मैंने दोनों से इस बारे में सहमति जता दी और आयुष कुमार, अनुराग यादव, शिवानंद कुमार और अभिषेक कुमार इन चार छात्रों को बाद में बताया।
उसने आगे बताया कि लालच के कारण मैंने हर एक छात्र से 40 लाख रुपये मांगे, लेकिन पुलिस ने मुझे इस मामले में पकड़ लिया।