उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय स्थित सभागार में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय टॉस्ट फोर्स की समीक्षा बैठक ली। बैठक के दौरान डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में ऑन लाइन माध्यम से छात्र-छात्रों को शिक्षकों के बेहतर व्याख्यान उपलब्ध कराये जाय। ताकि सभी छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिल सके।
शिक्षा मंत्री ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड से शिक्षा दिए जाने के लिए हाइब्रिड सिस्टम तैयार करने के अधिकारियों को निर्देश दिये। साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत सूबे में च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम को लागू किया जायेगा, ताकि छात्र-छात्राएं अपने कोर्स में से कुछ विषय हटाकर अन्य स्ट्रीम के अपने पसंदीदा विषय चुन सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को ऑनलाइन माध्यम में उपलब्ध कोर्स एवं मैटीरियल चुनने के लिए छात्रों की सहायता के लिए एक हेल्प सिस्टम विकसित करने की बात कही।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षा नीति के सही प्रकार से क्रियान्वयन के लिए विद्यालयों में प्रधानाचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों को भरने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विद्यालयों की स्थिति को सुधारने के लिए इन पदों को भरा जाना आवश्यक है। इसके अलावा प्रमोशन में फॉर-गो की व्यवस्था में भी सुधारकर कार्मिकों को डीपीसी के बाद एक बार ही फॉर-गो का अवसर देने के लिए नियमावली में संशोधन करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये ताकि डीपीसी हो जाने के बावजूद भी पदों के खाली रहने की समस्या से छुटकारा मिलने के साथ ही दूसरे कार्मिकों को भी प्रमोशन का मौका मिल सके।
मुख्य सचिव डॉ0 एस0एस0 संधू ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए टास्क फोर्स सभी पहलुओं पर अध्ययन करें ताकि एनईपी को राज्य में बेहतर ढंग से क्रियान्वित की जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए पुराने सिस्टम को बदलते हुए नई तकनीक का समावेश करना जरूरी है।