गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 35 वें दीक्षांत समारोह में मंगलवार को बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिरकत की। जहां राष्ट्रपति ने वर्ष 2022-23 में शैक्षणिक आधार पर 11 कुलपति स्वर्ण पदक, 11 रजत पदक और 10 कांस्य पदक भी दीक्षांत समारोह में प्रदान किए, साथ ही एक सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी नेहा बिष्ट को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से नवाजा गया, वहीं विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए पांच विद्यार्थियों को विवि की ओर से सरस्वती पांडा अवार्ड, नागम्मा शांताबाई अवार्ड, डॉ. राम शिरोमणि तिवारी अवार्ड, चौधरी चरण सिंह मेमोरियल इंटेलेक्चुअल अवार्ड और पूरण आनंद अदलखा अवार्ड दिए गये। साथ ही दो विद्यार्थियों को भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत अवार्ड से सम्मानित किया गया।
आपको बता दें कि दीक्षांत समारोह में वर्ष 2022-23 में पाठ्यक्रम पूरा कर चुके 1041 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। इनमें 626 स्नातक, 310 स्नातकोत्तर और 105 पीएचडी की उपाधियां शामिल हैं। इसके अलावा एक सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से नवाजा गया।
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इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश का गौरव बढ़ाने में गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का बड़ा योगदान रहा है, और किसानों को इससे अधिक मदद मिली है, फसलों को और बेहतर और उपजाऊ बनाने में विश्वविद्यालय किसानों का सहायक रहा है । उन्होंने ने उपाधि और पदक पाने वाले सभी छात्र छात्राओं और उनके परिजनों को बधाई दी, साथ ही उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि बालिकाओं की संख्या पदक लेने वालों में ज्यादा देखकर वो खुश है कि आज देश की महिलाएं पुरुषों से बेहतर करने की क्षमता रखती है, और हर क्षेत्र में वो पुरुषों से आगे है, उन्होंने कहा कि पचास से अधिक विश्वविद्यालयों में उनको जाने का मौका मिला है, जिसमें उन्होंने देखा कि बेटियों की भूमिका अधिक रही है, जो एक गौरव का विषय है,
विश्वविद्यालय की गरिमा को बढ़ाने में शिक्षकों के साथ छात्रों की भी अहम भूमिका
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह सभी विद्यार्थियों के लिए एक मुख्य पडाव होता है और वो क्षण सभी के जीवन के लिए महत्वपूर्ण होता है, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की गरिमा को बढ़ाने में विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ ही छात्रों की भी अहम भूमिका रही है, और जिस तरह से छात्रों ने उपलब्धियां हासिल की है उसी से आज विश्व विघालय उच्च क्षितिज पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के क्षेत्र में एक बड़ा योगदान देने में गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की अहम भूमिका रही है, विश्वविद्यालय में विकसित किये गये बीज और खाद देश भर के किसानों के लिए कारगर सिद्ध होता है। नई तकनीकों से विश्वविद्यालय ने किसानों के खेती की कठिनाइयों को भी आसान करने में भूमिका निभाई है, वहीं राष्ट्रपति ने आलू के पराठे और समोसे का जिक्र करते हुए कहा कि यहां व्यंजन बेहद ही स्वादिष्ट है जिसमें आलू के पराठे और खास तौर पर समोसे खाने जरुर लोग यहां आते हैं।
दीक्षांत समारोह में क्या बोले उत्तराखण्ड के राज्यपाल
पंतनगर विवि के 35 वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि देश में हरित क्रांति लाने में गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का विशेष योगदान रहा है, जिसके फलस्वरूप देश Food Grain Production में न सिर्फ आत्मनिर्भर बना है, बल्कि आज हम कृषि उपज के प्रमुख निर्यातकों में से एक हैं। उन्होने उपाधियों से विभूषित सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक गण और अभिभावकों के लिए भी ये एक स्मरणीय क्षण होता है।उन्होने कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थी भारत जैसे विविधतापूर्ण एवं गतिशील देश की विरासत को और अधिक समृद्ध और भविष्य को और अधिक सशक्त बनाने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने आगे कहा कि आज आप अथक परिश्रम के बाद, डिग्रियों एवं मॉडल्स को प्राप्त कर उत्साह से भरे हुए है। आज आप अपने ज्ञान, बुद्धि एवं मूल्यों के द्वारा अपने समाज को और अधिक उन्नत करने का प्रण भी ले रहे हैं। शिक्षा केवल डिग्री ले लेना ही नहीं है, बल्कि यह आत्म ज्ञान की प्राप्ति, सशक्तिकरण एवं परिवर्तन का माध्यम भी है। शिक्षा आपके जीवनयापन का माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह देश के कल्याण के लिए भी बेहद अहम है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की बुद्धिमत्ता एवं उनके चरित्र का विकास होता है। इस अवसर पर, मैं यहां की फैकल्टी द्वारा आपके बौद्धिक विकास तथा आपको भविष्य की चुनौतियों को तैयार करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं ।