जनजातीय महोत्सव 2025 में रंगीन झलक: मुख्यमंत्री के समर्पित प्रयास से जनजाति कल्याण की दिशा में क्रांति

 

 

 

देहरादून: उत्तराखंड की समृद्ध जनजातीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से उत्तराखंड जनजातीय महोत्सव – 2025 का भव्य आयोजन परेड ग्राउंड, देहरादून में हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी और किशन महीपाल को ‘उत्तराखंड आदि गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया।

जनजातीय विकास को नई दिशा: मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणाएं

मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री जनजाति रोजगार उत्कर्ष योजना के तहत हर साल 1 करोड़ रुपये की धनराशि देने की घोषणा की। इसके अलावा, जनजातीय शोध संस्थान के ढांचे को स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि यह संस्थान प्रदेश के आदिवासी समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।

परंपरा और संस्कृति का अनूठा संगम

महोत्सव में थारू, भोटिया, जौनसारी, राजी और बुक्सा जनजातियों की लोककला, हस्तशिल्प, लोकगीत और पारंपरिक खानपान को प्रदर्शित किया गया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनजातीय उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और जनजातीय समाज की समृद्ध परंपराओं को संरक्षित रखने पर बल दिया।

जनजातीय समाज के विकास के लिए ऐतिहासिक कदम

  • प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का विकास
  • प्रदेश में 4 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में छात्रों को निःशुल्क शिक्षा एवं हॉस्टल सुविधा
  • 16 आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन, ताकि जनजातीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।
  • 3 आईटीआई संस्थानों में जनजातीय युवाओं को तकनीकी शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग

भगवान बिरसा मुंडा की विरासत और प्रधानमंत्री का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज को सशक्त बनाने के लिए बजट तीन गुना बढ़ाया गया है। वन धन योजना, आदिवासी विकास मिशन और पशुपालन व कृषि योजनाओं के माध्यम से आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है।

सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है और यूसीसी (समान नागरिक संहिता) में जनजातीय समाज को छूट दी गई है।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, किशन महीपाल, मेयर सौरभ थपलियाल, विधायक सविता कपूर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

उत्तराखंड जनजातीय महोत्सव 2025 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक संकल्प है – अपनी जड़ों से जुड़ने और अपनी संस्कृति को सहेजने का!

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