देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की आर्थिक सुदृढ़ता और समावेशी विकास को गति देने के लिए शनिवार को सचिवालय में वित्त विभाग की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि दिसंबर 2025 तक सभी विभाग अपने बजट का न्यूनतम 80 प्रतिशत तक व्यय सुनिश्चित करें, और इसकी नियमित समीक्षा सचिव स्तर से लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के राजस्व संसाधनों को सशक्त करने और नवाचार व डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने की दिशा में ठोस पहल की जाए। उन्होंने विशेष रूप से जीएसटी कलेक्शन को बढ़ाने, विभागीय बजट उपयोग की निगरानी, और सब्सिडी वितरण की पारदर्शिता पर जोर दिया।
राजस्व बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास:
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व के प्रमुख स्रोतों — जैसे राज्य कर, वन, ऊर्जा, जलकर आदि की नियमित समीक्षा कर बजट लक्ष्यों की पूर्ति की जाए।
केन्द्र पोषित योजनाओं को प्राथमिकता:
ऐसी योजनाएं जिनमें केन्द्रांश और राज्यांश का अनुपात 90:10 या 70:30 है, उन्हें टॉप प्रायोरिटी में रखा जाए ताकि राज्य को अधिकतम लाभ मिल सके।
डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना:
बजट खर्च की रियल-टाइम निगरानी हेतु डिजिटल प्लेटफॉर्म लागू करने के निर्देश भी दिए गए ताकि हर स्तर पर पारदर्शिता बनी रहे।
दीर्घकालिक रणनीति का खाका:
राज्य की गोल्डन जुबली (2050) तक की योजना बनाते हुए, मध्यम और दीर्घकालिक आर्थिक रोडमैप पर काम करने के निर्देश दिए गए।
नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस:
मुख्यमंत्री ने एआई और टेक्नोलॉजी-आधारित समाधान विकसित करने के निर्देश दिए ताकि सरकारी कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता बढ़े।
मानव संसाधन, शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश:
उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करने के लिए राज्य को शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और मानव संसाधन विकास में ठोस निवेश करना होगा।
सब्सिडी की समीक्षा और टार्गेटिंग:
सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का विश्लेषण हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि सहायता केवल पात्र लोगों तक पहुंचे।
बाजार से उधारी में कटौती का प्रयास:
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि बाजार उधारी पर निर्भरता कम कर अवस्थापना विकास पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया जाए।
पिछले तीन वर्षों की उपलब्धियां भी रहीं उल्लेखनीय:
राज्य की जीडीपी वृद्धि दर लगातार 13% से अधिक बनी रही है।
खनन राजस्व में 400 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई।
चालू वित्तीय वर्ष में 90 प्रतिशत बजट व्यय सुनिश्चित किया गया है।
पूंजीगत व्यय 11,000 करोड़ रुपये से अधिक पहुंचा है।