भारतीय ग्राहकों के लिए फिटिंग की समस्या होगी खत्म, कपड़ा मंत्रालय जल्द शुरू करेगा ‘INDIAsize’ पहल”

 

एजेंसी: भारतीय ग्राहकों के लिए कपड़ों की फिटिंग की समस्या जल्द ही इतिहास बन सकती है। अक्सर लोग रेडीमेड कपड़े खरीदते समय शर्ट, पैंट या जींस की फिटिंग को लेकर परेशान रहते हैं। कपड़े या तो लूज होते हैं या टाइट, और कई बार उन्हें शरीर के अनुसार अल्टर करवाना पड़ता है। इसका मुख्य कारण यह है कि बाजार में उपलब्ध रेडीमेड कपड़े अंतरराष्ट्रीय मापदंडों जैसे अमेरिका या ब्रिटेन के मानकों के आधार पर तैयार किए जाते हैं, जो भारतीय शरीर संरचना से मेल नहीं खाते।

इस समस्या को खत्म करने के लिए कपड़ा मंत्रालय ‘INDIAsize’ पहल शुरू करने जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य भारतीयों के शरीर के अनुरूप मानकीकृत मापदंड स्थापित करना है ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स भारतीय ग्राहकों के लिए बेहतर फिटिंग वाले कपड़े तैयार कर सकें।

क्या है ‘INDIAsize’ पहल?

‘INDIAsize’ एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसके तहत पूरे भारत से विभिन्न आयु, लिंग और भौगोलिक पृष्ठभूमि के लोगों के शरीर के मापदंड एकत्र किए जाएंगे। इन आंकड़ों के आधार पर भारतीयों के लिए एक मानक साइज चार्ट तैयार किया जाएगा, जो विभिन्न प्रकार के कपड़ों के निर्माण में उपयोगी होगा। इस पहल से रेडीमेड कपड़ों की फिटिंग में सुधार होगा और भारतीय ग्राहकों के लिए कपड़े खरीदने का अनुभव अधिक सहज हो जाएगा।

कैसे काम करेगी यह पहल?

इस पहल के तहत मंत्रालय विभिन्न शहरों में स्कैनिंग केंद्र स्थापित करेगा, जहां लोग अपने शरीर के मापदंड दर्ज करा सकेंगे। इस डेटा को एकत्रित कर एक राष्ट्रीय स्तर का साइज चार्ट तैयार किया जाएगा, जो ब्रांड्स और फैशन उद्योग के लिए एक मानक के रूप में कार्य करेगा।

उद्योग को क्या होगा फायदा?

‘INDIAsize’ पहल से न केवल ग्राहकों को बल्कि कपड़ा उद्योग को भी बड़ा फायदा होगा। सही फिटिंग वाले कपड़ों की मांग में बढ़ोतरी होगी, जिससे ग्राहकों की संतुष्टि और ब्रांड की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। इसके अलावा, इस पहल से रिटर्न और एक्सचेंज के मामलों में कमी आएगी, जिससे ब्रांड्स को अतिरिक्त लागत से भी राहत मिलेगी।

आने वाले समय में क्या उम्मीदें?

‘INDIAsize’ पहल के लागू होने से भारतीय ग्राहकों को उनकी जरूरत और माप के अनुसार कपड़े मिलेंगे। इससे न केवल खरीदारी का अनुभव सुधरेगा, बल्कि भारतीय फैशन उद्योग को भी वैश्विक बाजार में एक नया आयाम मिलेगा। कपड़ा मंत्रालय की यह पहल न केवल ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि भारतीय कपड़ा उद्योग को भी एक नई दिशा देगी, जिससे रेडीमेड कपड़े खरीदने का पारंपरिक अनुभव पूरी तरह बदल जाएगा।

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