चंद्रमा पर वर्तमान में ‘प्रज्ञान‘ के निष्क्रिय अवस्था में होने की स्थिति पर ISRO प्रमुख सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा पर तापमान शून्य से लगभग 200 डिग्री सेल्सियस नीचे जाने पर अत्यधिक प्रतिकूल मौसम के कारण इसके इलेक्ट्रॉनिक सर्किट यदि क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं तो यह फिर से सक्रिय हो जाएगा| उन्होंने कहा यदि यह सक्रिय नहीं हुआ तो भी ठीक है, क्योंकि रोवर ने वह काम कर दिया है जो इसे करने की अपेक्षा की गई थी| इसरो ने पिछले सप्ताह कहा था कि चंद्रमा पर सुबह होने के साथ ही चंद्रमा चंद्रयान-3 के सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ संपर्क स्थापित कर इन्हें फिर से सक्रिय करने का प्रयास कर रहा है| ताकि वह वैज्ञानिक प्रयासों को जारी रख सके|
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) प्रमुख एस सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि उनके चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने वह काम कर दिया है | जो इसे किए जाने की अपेक्षा की गई थी| और यदि यह वर्तमान निष्क्रिय अवस्था स्लीप मोड
से सक्रिय होने में विफल रहता है| तो भी कोई समस्या नहीं होगी| इसरो प्रमुख गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर दर्शन करने गए थे| जहाँ उन्होंने ये जानकारी साँझा की | साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी एक्सपीओसैट या एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह प्रक्षेपण के लिए तैयारी कर रही हैं | और यह प्रक्षेप नवंबर या दिसंबर में किया जा सकता है|
से सक्रिय होने में विफल रहता है| तो भी कोई समस्या नहीं होगी| इसरो प्रमुख गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर दर्शन करने गए थे| जहाँ उन्होंने ये जानकारी साँझा की | साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी एक्सपीओसैट या एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह प्रक्षेपण के लिए तैयारी कर रही हैं | और यह प्रक्षेप नवंबर या दिसंबर में किया जा सकता है|
एक्सपीओसैट या एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह के लिए कर रहा तैयारी
चंद्रमा पर रात होने से पहले लैंडर और रोवर दोनों क्रमशः 4 और 2 सितंबर को निष्क्रिय अवस्था में चले गए थे| सोमनाथ ने आगामी मिशन के बारे में कहा कि इसरो अब एक्सपीओसैट या एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह के लिए तैयारी कर रहा है | उन्होंने कहा यह एक्सपीओसैट तैयार है और इसे हमारे पीएसएलवी रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा| हमने अभी तक किसी तारीख की घोषणा नहीं की, लेकिन इसका प्रक्षेपण नवंबर या दिसंबर में किया जा सकता है|
इन्सैट- 3डीएस मिशन की भी तैयारी
सोमनाथ ने कहा कि एक और मिशन इन्सैट- 3डीएस की भी तैयारी है| जो एक जलवायु उपग्रह है| और जिसे दिसंबर में प्रक्षेपित किया जाएगा| उन्होंने कहा फिर हम एसएसएलवी डी3 का प्रक्षेपण करेंगे| जैसा कि आप जानते हैं यह हमारा लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान है| यह तीसरा प्रक्षेपण है यह प्रक्षेपण नंबर दिसंबर में किया जाएगा | इसके बाद नासा इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार या निसार की बारी आएगी| इसे अगले साल फरवरी में प्रक्षेपित किया जाएगा| उन्होंने कहा कि “गगनयान” मिशन की परीक्षण यान डी1 का प्रक्षेपण अक्टूबर में किया जाएगा|
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