पीटीआई। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बड़े स्वास्थ्य जोखिमों का हवाला देते हुए खाद्य विक्रेताओं और उपभोक्ताओं से खाद्य पदार्थों की पैकिंग, उन्हें परोसने और भंडारण के लिए अखबारों का इस्तेमाल तुरंत बंद करने को कहा है।
निगरानी एजेंसी ने चेताया
एफएसएसएआई इस संबंध में नियमों की निगरानी और उन्हें लागू करने के लिए राज्य खाद्य अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। एफएसएसएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जी कमला वर्धन राव ने देशभर के उपभोक्ताओं और खाद्य विक्रेताओं से खाद्य पदार्थों की पैकिंग, उन्हें परोसने और भंडारण के लिए न्यूज पेपर्स का उपयोग तुरंत बंद करने का आग्रह किया है।
उन्होंने भोजन को पैक करने के लिए न्यूज पेपर्स के उपयोग पर चिंता व्यक्त की और इस प्रथा से जुड़े महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में भी बताया।
FSSAI ने चेतावनी देते हुए कहा, न्यूज पेपर्स में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में ज्ञात नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों वाले विभिन्न जैव सक्रिय पदार्थ होते हैं, जो भोजन को दूषित कर सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
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स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर
नियामक ने कहा कि इसके अतिरिक्त मुद्रण स्याही में सीसा और भारी धातुओं सहित रसायन शामिल हो सकते हैं, जो भोजन में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे समय के साथ गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं।
अखबारों में बैक्टीरिया और वायरस मौजूद होने का खतरा
एफएसएसएआई ने कहा कि इसके अलावा वितरण के दौरान अखबारों को अक्सर विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिससे वे बैक्टीरिया, वायरस या अन्य रोगजनकों द्वारा संदूषित हो सकते हैं, जो भोजन में स्थानांतरित हो सकते हैं और संभावित रूप से खाद्य जनित बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
खाद्य सुरक्षा के सर्वोपरि महत्व पर जोर देते हुए राव ने सभी खाद्य विक्रेताओं से जिम्मेदार पैकेजिंग व्यवहार को अपनाने का आग्रह किया जो उनके ग्राहकों की भलाई को प्राथमिकता देते हैं।