नई दिल्ली: ‘हमें योग को जानना भी है। योग को जीना भी है। योग को पाना भी है और योग को अपनाना भी है।’ ये बात अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने मैसूर प्लेस प्रांगण में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में कही। पीएम मोदी ने मंगलवार को मैसूर में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में भाग लिया था। जिस दौरन उन्होंने योग की महत्ता को समझाते हुए ये बात कही।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि योग में विश्व शांति लाने की क्षमता है। योग व्यक्ति को संघर्ष से लड़ने और मार्ग पर डटे रहने की शक्ति देता है।उन्होंने अपने सम्बोधन में योग के व्यक्तिगत और सामूहिक लाभ के बारे में जानकारी देते हुए योग से जुड़ी जीवनशैली के महत्व को रेखांकित भी किया।
योग को जीवनशैली में अपनाने का दिया संदेश
योग दिवस भारत की पहचान है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग की अनादि यात्रा भविष्य को दिशा देते हुए सदैव आगे बढ़ती रहेगी। हम सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया के भाव के साथ एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण विश्व को योग के माध्यम से भी गति देंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान हिंदी और अंग्रेजी में दिए गए संबोधन में देश तथा दुनिया को योग से जुड़ी जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया।
ब्रह्मांड से जुड़ने का एक माध्यम है योग
प्रधानमंत्री ने कहा- “योग केवल व्यक्ति को शांति प्रदान नहीं करता बल्कि पूरे समाज को शांति प्रदान करता है। इससे देश को शांति मिलती है और सारे ब्रह्मांड को शांति मिलती है।” उन्होंने कहा कि योग हमें ब्रह्मांड से जोड़कर हमे आंतरिक रूप से जागरूक बनाता है। प्रधानमंत्री ने योग दिवस को संपूर्ण मानवता के साथ जोड़ते हुए कहा कि इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम ‘योगा फॉर ह्यूमेनिटी’ है। आज योग्य वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है। योग मानव समाज को निरोगी जीवन का विश्वास देते हुए स्वस्थ काया भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लोगों के लिए योग आज केवल जीवन का एक हिस्सा नहीं बल्कि जीवन जीने का एक माध्यम है। तनावपूर्ण माहौल में थोड़े समय के लिए किया गया ध्यान हमें न केवल तनाव मुक्त करता है बल्कि हमारी उत्पादकता को भी बढ़ाता है।
योग को मिली ,वैश्विक स्वीकार्यता
योग केवल एक अतिरिक्त काम नहीं बल्कि जीवन का अभिन्न अंग है। पीएम मोदी ने योग स्थली मैसूर को आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बताया। उन्होंने योग दिवस को मिलती वैश्विक स्वीकार्यता को भारत की ‘अमृत भावना’ से जोड़ा। उन्होंने कहा कि इस ‘अमृत भावना’ ने ही हमें स्वतंत्रता संग्राम के लिए ऊर्जा प्रदान की थी। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस बार ‘गार्डियन रिंग ऑफ योगा’ किया जा रहा है। इसके लिए दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्योदय के साथ, सूर्य की गति के साथ लोग योग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने मैसूर पैलेस ग्राउंड में आज योग दिवस पर सभी के साथ योग किया। इस दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी उनके साथ मौजूद रहे।
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