– यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता, एनडीएमए और यूएसडीएमए की संयुक्त तैयारी
– मॉक ड्रिल के जरिए ट्रैफिक, भूस्खलन, भीड़ नियंत्रण समेत कई आपदा स्थितियों का किया जाएगा आकलन
– चारधाम यात्रा प्रबंधन के लिए हर जिले को देना होगा सुरक्षा सुनिश्चित करने का ब्लूप्रिंट
देहरादून। उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी संभावित आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) अप्रैल में एक विस्तृत मॉक ड्रिल का आयोजन करेंगे। इस दौरान विभिन्न विभागों की तैयारियों की परख होगी, जिससे यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।
रविवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने एक उच्चस्तरीय बैठक कर चारधाम यात्रा के दौरान आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
हर जिले को बनाना होगा डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप ने सुझाव दिया कि प्रत्येक धाम के लिए एक अलग डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जाए। इसके तहत चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) भी बनाई जाएगी।
एनडीएमए का टेंटेटिव शेड्यूल जारी
एनडीएमए द्वारा जारी शेड्यूल के अनुसार—
14 अप्रैल को ओरिएंटेशन एवं कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस आयोजित होगी।
22 अप्रैल को टेबल टॉप एक्सरसाइज के जरिए योजनाओं की समीक्षा होगी।
24 अप्रैल को मॉक ड्रिल का भव्य आयोजन होगा।
क्या होगी मॉक ड्रिल में खास बातें?
भीड़ नियंत्रण और भगदड़ की स्थिति से निपटने की तैयारी।
भूस्खलन व सड़कों के अवरुद्ध होने पर वैकल्पिक मार्गों की पहचान।
ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए रूट डायवर्जन प्लान।
यात्रियों को रोकने की स्थिति में सुरक्षित ठहराव की व्यवस्था।
अस्पताल, हेलीपैड और राहत केंद्रों की जीआईएस लोकेशन को अपडेट करना।
पिछले साल की कमियों से सीखने पर जोर
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) डीआईजी राजकुमार नेगी ने निर्देश दिए कि पिछले वर्षों में चारधाम यात्रा के दौरान आई आपदाओं का गहन विश्लेषण किया जाए। उन्होंने कहा, “गत वर्ष कहां मार्ग बंद हुए, कहां अत्यधिक भीड़ रही, कितनी जनहानि हुई, इन सभी बिंदुओं पर अध्ययन कर इस बार पहले से ही बेहतर इंतजाम किए जाएंगे।”
तीन मुख्य जिले, चार ट्रांजिट जनपद
चारधाम यात्रा के लिए उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग मुख्य जनपद हैं, जबकि टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार और देहरादून ट्रांजिट जिलों के रूप में कार्य करेंगे।
सभी विभागों के बीच तालमेल बेहद जरूरी
बैठक में बताया गया कि आपदा प्रबंधन में पर्यटन विभाग, पुलिस प्रशासन, परिवहन विभाग, बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO), एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग जैसी कई एजेंसियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आपसी समन्वय से ही किसी भी चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकेगा।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई कोताही नहीं
सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान जिलों को यह प्रदर्शित करना होगा कि वे भीड़ नियंत्रण, मार्ग अवरुद्ध होने, आपातकालीन चिकित्सा और रेस्क्यू प्लान को किस तरह लागू करेंगे। सरकार का प्रयास रहेगा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को किसी भी संकट का सामना न करना पड़े।